हिंदू धर्म में जिस मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है वो मंत्र है गायत्री मंत्र। ये माना जाता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करता है वह कष्टों से दूर रहता है। अधिकतर बुजुर्ग तो गायत्री मंत्र का पूरे दिन जाप करते रहते हैं, शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र का कितनी बार जाप करना उचित माना जाता है, आइए आपको बताते हैॅं इसके बारे में.
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कितनी बार करना चाहिए गायत्री मंत्र का जाप
हिंदू शास्त्रों में बहुत मंत्र दिए गए हैं, जिनका जाप दैनिक जीवन में करना लभदयायक साबित होता है। इनमें एक है गायत्री मंत्र, ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है कि जो भी जातक इस मंत्र का उच्चारण करता है। बल्कि इसके बारे में कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति महामंत्र यानि गायत्री मंत्र को रोज़ाना करने के नियम बना लेता है तो उसके जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं| सूर्योदय के समय घर के पूजा स्थल में या किसी अन्य जगह पर बैठकर 3 माला या 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में इच्छा पूर्ति के साथ सदैव रक्षा होती है।
शास्त्रों के अनुसार, प्रतिदिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत होकर व्यक्ति अगर एक घंटे तक गायत्री मंत्र का जाप करता है तो उसके सारे कष्ट दूर होते हैं और वह सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है। गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की यश और कीर्ति बढ़ती है। अगर प्रतिदिन गायत्री मंत्र का एक माला जाप यानि 108 बार जाप किया जाए तो इससे व्यक्ति को किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं अगर व्यक्ति एक दिन में तीन माला जाप करता है यानि गायत्री मंत्र का 324 बार जाप करता है तो उसे नौ दिनों के पापों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति पूरे दिन में 9 माला जाप करता है तो उसे 9 माह पहले तक किए गए पापों से छुटकारा मिल जाता है।
गायत्री मंत्र :-
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं ।
भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।।
अर्थ – हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)