टैनिंग के मिथक : आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में धूप से बच पाना लगभग नामुमकिन है। फिर चाहे ऑफिस जाना हो, बच्चों को स्कूल छोड़ना हो या सुबह की सैर – हमारी त्वचा अक्सर सूरज की किरणों के सीधे संपर्क में आ ही जाती है, जिससे टैनिंग होना स्वाभाविक है। हालांकि टैनिंग एक आम प्रक्रिया है, लेकिन इससे जुड़ी कई भ्रांतियां भी फैली हुई हैं जिन्हें लोग सच मान बैठते हैं। इस लेख में हम उन्हीं आम मिथकों की हकीकत से पर्दा उठाएंगे।
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अधिकतर लोग टैनिंग को केवल त्वचा का काला पड़ना समझते हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। जब त्वचा की ऊपरी परत यानी एपिडर्मिस में मौजूद मेलानिन नामक पिगमेंट धूप के संपर्क में आता है, तो उसकी मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा पर कालापन नजर आने लगता है। टैनिंग को लेकर लोगों में चिंता तो होती है, लेकिन उससे जुड़ी जानकारी को लेकर कई तरह के भ्रम भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि टैनिंग केवल गर्मियों में होती है, जबकि कुछ का यह भी सोचना है कि जिनकी त्वचा पहले से सांवली होती है, उन्हें टैनिंग नहीं होती।“
टैनिंग को लेकर ऐसे कई मिथक हैं, जिन पर लोग बिना सच्चाई जाने ही विश्वास कर लेते हैं। अगर आप भी ऐसे ही भ्रमों के शिकार हैं, तो यह लेख खासतौर पर आपके लिए है। इसमें हम आपको टैनिंग से जुड़े कुछ आम ग़लतफहमियों के बारे में बताएंगे, जिन पर लोग बिना तथ्य जांचे यकीन कर बैठते हैं और इससे अपनी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
1. मिथक: सिर्फ गर्मियों में होती है टैनिंग
सच्चाई: टैनिंग केवल गर्मियों तक सीमित नहीं है। जब भी आपकी त्वचा सूर्य की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के संपर्क में आती है, तब टैनिंग हो सकती है — चाहे मौसम सर्दी का हो या आसमान में बादल छाए हों। UV किरणें बादलों को भेदकर भी त्वचा तक पहुंच सकती हैं और टैनिंग का कारण बन सकती हैं।
2. मिथक: गहरे रंग की त्वचा वालों को टैनिंग नहीं होती
सच्चाई: यह धारणा बिल्कुल गलत है। त्वचा का रंग चाहे गोरा हो या सांवला, सूर्य की UV किरणें हर त्वचा पर असर डालती हैं। हालांकि, गहरी त्वचा पर टैनिंग का प्रभाव थोड़ा धीरे या कम नजर आता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि ऐसी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचता।
3. मिथक: सनस्क्रीन लगाने से 100% सुरक्षा मिलती है
सच्चाई: सनस्क्रीन UV किरणों से सुरक्षा जरूर देती है, लेकिन यह टैनिंग को पूरी तरह नहीं रोक सकती। टैनिंग से बचाव के लिए सही SPF का चुनाव, समय–समय पर दोबारा लगाना और अपनी स्किन टाइप का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सिर्फ एक बार सनस्क्रीन लगाकर पूरे दिन सुरक्षित रहना संभव नहीं है।
4. मिथक: नींबू और बेसन से टैनिंग तुरंत हट जाती है
सच्चाई: नींबू और बेसन जैसे घरेलू नुस्खे थोड़े समय के लिए त्वचा को साफ और ताज़ा महसूस करा सकते हैं, लेकिन ये टैनिंग की जड़ पर असर नहीं करते। इनका अधिक उपयोग त्वचा में जलन, रूखापन या संवेदनशीलता भी पैदा कर सकता है।
5. मिथक: एक बार टैनिंग हट गई तो दोबारा नहीं होगी
सच्चाई: टैनिंग हट जाने के बाद भी यदि आप धूप में बिना सावधानी बरतें बाहर निकलते हैं, तो दोबारा टैनिंग हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर मौसम में, बाहर जाने से पहले अपनी त्वचा की सुरक्षा जरूर करें।