अमेरिकी टैरिफ नीति : रेसिप्रोकल टैरिफ एक ऐसी नीति है जिसे वैश्विक व्यापार में संतुलन और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए लागू किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेसिप्रोकल टैरिफ वास्तव में क्या होता है? रेसिप्रोकल का अर्थ है – जैसा व्यवहार आप करेंगे, वैसा ही जवाब मिलेगा।
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यह नीति अंतरराष्ट्रीय व्यापार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाती है। आपने इस शब्द को कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप इसकी असली परिभाषा जानते हैं? हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कृषि, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। आइए समझते हैं कि रेसिप्रोकल टैरिफ का सही मतलब क्या है और यह कैसे काम करता है।
क्या होता है रेसिप्रोकल टैरिफ़ ?
सबसे पहले समझते हैं टैरिफ का अर्थ – यह एक प्रकार का कर (टैक्स) होता है, जिसे किसी देश द्वारा आयातित वस्तुओं पर लागू किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार के राजस्व को बढ़ाना और घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से सुरक्षित रखना होता है। वहीं, रेसिप्रोकल का अर्थ है – जैसा व्यवहार आप करेंगे, वैसा ही उत्तर मिलेगा।
रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है?
सरकार इसे व्यापार नीति और राजस्व संग्रह के एक उपकरण के रूप में उपयोग करती है। उदाहरण के लिए, यदि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर समान 20 प्रतिशत टैरिफ लागू करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार असंतुलन को कम करना और घरेलू बाजार को संरक्षण प्रदान करना होता है।
ट्रंप ने बनाया टैरिफ को हथियार
डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी टैरिफ को एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है ताकि अमेरिका के व्यापार घाटे को घटाया जा सके और अन्य देशों को अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने से रोका जा सके। उन्होंने इसे निष्पक्ष व्यापार का उदाहरण बताते हुए लागू किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यदि कोई देश अमेरिकी आयात पर भारी शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश के उत्पादों पर समान टैरिफ लगाएगा।
भारत की GDP पर क्या होगा असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया है, जिससे भारत की जीडीपी पर प्रभाव पड़ने की आशंका है। ट्रंप ने इस टैरिफ को न्यायसंगत बताते हुए कहा कि यह अन्य देशों द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए शुल्कों के जवाब में लागू किया गया है।