अनिल अंबानी की वापसी : एक समय देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों में गिने जाने वाले अनिल अंबानी की किस्मत ने बीते कुछ वर्षों में ऐसा यू–टर्न लिया कि उन्हें अदालत में अपनी कुल संपत्ति को शून्य घोषित करना पड़ा। लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। उनकी कंपनियों के शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल के चलते उनकी किस्मत दोबारा चमकती दिखाई दे रही है। हैरानी की बात यह है कि इस बदलाव की कहानी के पीछे दो युवा निवेशक हैं, जिनकी उम्र मात्र 29 और 33 साल है। आइए जानते हैं कौन हैं ये दोनों युवा, जिन्होंने अंबानी की गिरती साख को फिर से ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
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अनिल अंबानी की वापसी : कौन हैं ये 2 लड़के?
29 और 33 साल के ये युवा कोई और नहीं, बल्कि अनिल अंबानी के बेटे—जय अनमोल अंबानी और जय अंशुल अंबानी हैं। दोनों ही अब अपने पिता के कारोबार में सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं। बड़े बेटे जय अनमोल और छोटे बेटे जय अंशुल, दोनों अनिल अंबानी की कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन दोनों की एंट्री के बाद कंपनी के हालात में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। खासतौर पर जय अनमोल अंबानी ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) को फिर से खड़ा करने में अहम योगदान दिया है।
शेयर बन रहे रॉकेट
मार्च 2025 के बाद से अब तक रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों ने 100% से अधिक रिटर्न दिया है। जहां एक तरफ इन कंपनियों से निवेशकों को खास उम्मीद नहीं थी, वहीं इन युवा निवेशकों ने वक्त रहते सही मौके को पहचान लिया। उनका यह विश्वास अब आम निवेशकों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन गया है।
क्यों भरोसा कर रहे हैं ये युवा दिग्गज?
इन फर्म्स ने सिर्फ इन कंपनियों के शेयर नहीं खरीदे, बल्कि उनमें लंबे समय के लिए भरोसा भी जताया है। उनका मानना है कि अनिल अंबानी की कंपनियां अब धीरे–धीरे कर्जमुक्त होने की ओर अग्रसर हैं और विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में तेजी से भागीदारी कर रही हैं। खासकर पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सरकार के बढ़ते निवेश को देखते हुए, इन कंपनियों के विकास की संभावनाएं काफी मजबूत नजर आ रही हैं।
क्या फिर चमकेगा अनिल अंबानी का सितारा?
कभी मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ने की होड़ में शामिल रहे अनिल अंबानी के बिजनेस ग्रुप पर अत्यधिक कर्ज, कानूनी उलझनों और कारोबारी विफलताओं ने बड़ा झटका दिया था। लेकिन अब तस्वीर बदलती हुई दिख रही है। अगर शेयर बाजार की भाषा में कहें तो इन दो 29 और 33 साल के युवाओं ने “बॉटम फिशिंग” की—यानी जब स्टॉक्स अपने सबसे निचले स्तर पर थे, तब उन्होंने उनमें संभावनाएं देखीं और सही समय पर दांव लगाया।