पंजाब किंग्स असली मालिक : किंग्स इलेवन पंजाब की हिस्सेदारी में कई नाम शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं नेस वाडिया, प्रीति जिंटा और अन्य कुछ निवेशक। हालांकि, टीम की सबसे बड़ी हिस्सेदारी यानी 48 प्रतिशत स्टेक डाबर ग्रुप के पास है, जिसके चेयरमैन मोहित बर्मन हैं। वहीं, प्रीति जिंटा और नेस वाडिया के पास 23-23 फीसदी हिस्सेदारी है।
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हालांकि, आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को आरसीबी से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पूरे सीजन में टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसने भविष्य के लिए अन्य टीमों को सावधान कर दिया है। इस शानदार खेल के पीछे एक बड़ी वजह टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर की लीडरशिप भी रही, जिसने टीम का मनोबल बनाए रखा। लेकिन आज हम टीम के प्रदर्शन या खिलाड़ियों की बात नहीं कर रहे।
दरअसल, बात उस शख्स की हो रही है, जिसकी एंट्री के बाद टीम की किस्मत ही बदल गई।
यहां चर्चा ना तो नेस वाडिया की हो रही है, जो ऑक्शन में अक्सर दिखते हैं, और ना ही प्रीति जिंटा की, जो हर मैच में टीम को जोश से चियर करती नजर आती हैं।
हम बात कर रहे हैं पंजाब किंग्स के असली मालिक की, जिनकी रणनीति ने टीम को वित्तीय तौर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
दिलचस्प बात यह है कि आईपीएल 2025 के फाइनल में हार के बावजूद, इस मालिक ने 1400 करोड़ रुपये से भी अधिक की कमाई कर डाली। अब सवाल उठता है — आखिर यह असली मालिक कौन हैं और टीम की हार के बाद भी उनकी कमाई कैसे बढ़ गई? चलिए आपको बताते हैं इस पूरे बिजनेस गेम का सच।
पंजाब किंग्स असली मालिक : कौन है पीबीकेएस का असली मालिक?
किंग्स इलेवन पंजाब में कई लोगों की हिस्सेदारी है, जिनमें नेस वाडिया, प्रीति जिंटा और अन्य कुछ नाम प्रमुख हैं। लेकिन एक ऐसा ग्रुप भी है, जिसके उत्पाद लगभग हर भारतीय इस्तेमाल करता है — डाबर ग्रुप।
डाबर ग्रुप के पास पंजाब किंग्स की सबसे बड़ी हिस्सेदारी यानी 48 प्रतिशत स्टेक है। इस ग्रुप के चेयरमैन मोहित बर्मन हैं, जो टीम के सबसे बड़े शेयरहोल्डर भी हैं।
अगर अन्य को–ऑनर्स की बात करें तो नेस वाडिया (वाडिया ग्रुप) और बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा के पास 23-23 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा करण पॉल के पास शेष 6 प्रतिशत की हिस्सेदारी मौजूद है।
डाबर के शेयरों में उछाल
पंजाब किंग्स इलेवन के आईपीएल फाइनल हारने के बावजूद डाबर के शेयरों में अच्छी बढ़त देखने को मिली। आंकड़ों के अनुसार, कंपनी का शेयर 1.45% की तेजी के साथ 492.55 रुपये पर बंद हुआ।
शेयर बाजार बंद होने से कुछ मिनट पहले डाबर का शेयर 493.55 रुपये तक पहुंच गया था, जो उस दिन का इंट्राडे हाई रहा। जबकि कारोबारी दिन की शुरुआत कंपनी ने 486.55 रुपये के स्तर पर की थी। दिन के दौरान शेयर एक समय 484.75 रुपये के निचले स्तर तक भी पहुंचा।
एक दिन पहले, यानी पिछले सत्र में डाबर का शेयर 485.50 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं, 17 सितंबर 2024 को कंपनी का शेयर 672 रुपये तक चढ़कर पिछले 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
1400 करोड़ से ज्यादा की कमाई
दिलचस्प बात यह है कि आईपीएल फाइनल में हार के बावजूद, पंजाब किंग्स के असली मालिकों ने शेयर बाजार में बड़ी कमाई कर ली। दरअसल, डाबर ग्रुप के मार्केट कैप में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को डाबर का मार्केट कैप 86,112.65 करोड़ रुपये था, जो बुधवार को बढ़कर 87,540.48 करोड़ रुपये हो गया। यानी, महज एक दिन में कंपनी की मार्केट वैल्यू में 1,427.83 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई।