भारतीय रेलवे लगेज पॉलिसी : भारतीय रेलवे की लगेज पॉलिसी को लेकर हाल ही में कई खबरें सामने आईं, जिनमें दावा किया गया कि नियमों को एयरपोर्ट्स की तरह कड़ा किया जाएगा। इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।

पिछले कुछ दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि भारतीय रेलवे बड़े स्टेशनों पर लगेज से जुड़ी नई पॉलिसी लागू करने की तैयारी कर रही है। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नीति एयरपोर्ट्स जैसी सख्त होगी, और तय सीमा से अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।

कुछ खबरों में यह भी बताया गया कि इस बदलाव का मकसद रेलवे की आमदनी बढ़ाना है। भारतीय रेलवे न केवल एक यात्रा का साधन है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और आम लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। आइए जानते हैं रेल मंत्री ने इन खबरों पर क्या स्पष्टीकरण दिया।

भारतीय रेलवे लगेज पॉलिसी : क्या लगेज पॉलिसी में होगा बदलाव?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन खबरों को पूरी तरह झूठा और भ्रामक करार दिया है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे में सामान से संबंधित जो नियम बताए जा रहे हैं, वे बिल्कुल नए नहीं हैं। ये नियम कई दशकों से लागू हैं, लेकिन पुराने प्रावधानों को ही नई पॉलिसी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

रेलवे में कितना सामान ले जाना है मुफ्त?

भारतीय रेलवे प्रत्येक यात्री को उसकी यात्रा श्रेणी के अनुसार निर्धारित वजन तक सामान मुफ्त में ले जाने की सुविधा देता है। एसी फर्स्ट क्लास में यात्री 70 किलो तक सामान बिना शुल्क ले जा सकते हैं, साथ ही 15 किलो का अतिरिक्त मार्जिनल अलाउंस भी उपलब्ध है।

एसी सेकंड क्लास और फर्स्ट क्लास स्लीपर यात्रियों को 50 किलो का फ्री अलाउंस मिलता है, जबकि अधिकतम सीमा 100 किलो तक हो सकती है।

वहीं, एसी थर्ड क्लास, स्लीपर क्लास और चेयर कार में 40 किलो सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति है, साथ में 10 किलो का अतिरिक्त अलाउंस भी दिया जाता है। जनरल क्लास यात्रियों के लिए यह सीमा 35 किलो तक है, जिसे बिना किसी शुल्क के ले जाया जा सकता है।

फ्री लिमिट से ज्यादा सामान ले जाने पर क्या होता है?

यदि कोई यात्री निर्धारित सीमा से अधिक सामान लेकर यात्रा करता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है। यह शुल्क अतिरिक्त वजन पर लगाया जाता है और आमतौर पर टिकट किराए का 1.5 गुना तक हो सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि लंबे समय से लागू है। कुछ विशेष परिस्थितियों में यात्रियों को इस नियम में छूट भी मिल सकती है।

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