एंटी एजिंग दवाएं भारत : भारत में स्किन ब्राइटनिंग दवाओं का बाजार तेजी से फल–फूल रहा है। हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, केवल ग्लूटाथियोन (Glutathione) का ही बाजार 114 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। वहीं संपूर्ण स्किन ब्राइटनिंग उत्पादों की बात करें तो यह इंडस्ट्री 1,600 करोड़ रुपये से भी अधिक की हो चुकी है। चलिए इस तेजी से उभरते सौंदर्य चिकित्सा उद्योग को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।
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42 साल की उम्र में भी शेफाली जरीवाला अपनी फिटनेस और खूबसूरती के लिए जानी जाती थीं। उनके इंस्टाग्राम पर एक्सरसाइज़ से जुड़ी कई पोस्ट इसका प्रमाण हैं। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, वो सुंदरता बनाए रखने के लिए ग्लूटाथियोन जैसी एंटी–एजिंग और स्किन ब्राइटनिंग दवाओं का सेवन भी कर रही थीं।
शेफाली की तरह ही देशभर में लाखों लोग अपनी त्वचा को गोरा और चमकदार बनाए रखने के लिए ग्लूटाथियोन आधारित दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि इस सेगमेंट में तेजी से ग्रोथ देखी जा रही है और इसका मार्केट हर साल और व्यापक होता जा रहा है।
एंटी एजिंग दवाएं भारत : भारत में glutathione का मार्केट
भारत में त्वचा को निखारने और चमकदार बनाने के लिए ग्लूटाथियोन टैबलेट्स की मांग लगातार तेज़ी से बढ़ रही है। इन टैबलेट्स का बाजार आकार अब 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में इस सेगमेंट का मार्केट वैल्यू लगभग 13.39 मिलियन डॉलर यानी करीब 114 करोड़ रुपये रही। खास बात यह है कि इस मार्केट में सालाना बिक्री वृद्धि दर (CAGR) करीब 13% दर्ज की गई है। फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक सेक्टर में स्किन वाइटनिंग उत्पादों के लिए ग्लूटाथियोन की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है।
कौन सी कंपनियां बनाती हैं ग्लूटाथियोन?
भारत में ग्लूटाथियोन दवाओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों की भरमार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में कई प्रमुख फार्मा कंपनियां ग्लूटाथियोन टैबलेट्स बना रही हैं, जिनमें ग्रीनवेल लाइफसाइंसेज, डीएम फार्मा, यक्सन बायोकेयर प्राइवेट लिमिटेड, ज़ीक्सा हेल्थकेयर और ग्लासियर वेलनेस जैसे ब्रांड प्रमुख हैं। इसके अलावा, सेतु न्यूट्रिशन, कार्बामाइड फोर्ट और हर्बल मैक्स जैसे ब्रांड्स भी अलग–अलग फॉर्मूलेशन में ग्लूटाथियोन सप्लीमेंट्स को बाजार में पेश कर रहे हैं।
भारत में कितना बड़ा स्किन केयर सप्लीमेंट का मार्केट?

भारत में स्किन ब्राइटनिंग टैबलेट्स का 1600 करोड़ का धमाका – जानिए कैसे ग्लूटाथियोन बना नया ब्यूटी मंत्र
ग्रैंड व्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्किन ब्राइटनिंग टैबलेट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि स्किन केयर सप्लीमेंट्स का मार्केट 2033 तक 481.1 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जबकि 2025 तक यह आंकड़ा 220 मिलियन डॉलर के करीब हो सकता है। यानी अगले आठ वर्षों में यह इंडस्ट्री दोगुने से भी अधिक आकार ले सकती है। इस तेज़ विकास का मुख्य कारण है स्किन हेल्थ और ब्यूटी को लेकर लोगों, विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती जागरूकता और ग्लोइंग स्किन से जुड़े उत्पादों की बढ़ती मांग।