रुपया बनाम डॉलर : विदेशी निवेशकों के शेयर बाजार में निवेश करने से रुपये को जबरदस्त बढ़त मिली, जिससे इसकी कीमत 17 पैसे तक मजबूत हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि रुपये में यह तेजी जारी रहती है, तो अगले सप्ताह यह 85 के स्तर तक पहुंच सकता है और और भी सशक्त हो सकता है। आइए जानते हैं कि मौजूदा आंकड़े क्या संकेत दे रहे हैं।
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पिछले कुछ महीनों से विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय शेयर बाजार से धन निकाल रहे थे, जिस से डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर हो रहा था।
हालांकि, गुरुवार को एफआईआई ने 3200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जिससे शुक्रवार को रुपये में उल्लेखनीय तेजी आई। फिलहाल, रुपया 86 के स्तर से ऊपर है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके 86 के नीचे जाने की संभावना है। एफआईआई के इस कदम से शंघाई से लेकर न्यूयॉर्क तक के बाजारों में हलचल मच गई है।
अब विदेशी निवेशकों का रुझान चीन से हटकर भारत की ओर बढ़ने की संभावनाओं को मजबूत कर रहा है। दूसरी ओर, डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण न्यूयॉर्क का वित्तीय क्षेत्र दबाव में आ गया है। यदि अगले सप्ताह विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुचि बनी रहती है, तो रुपया 85 के स्तर तक और संभवतः उससे नीचे भी आ सकता है। आइए जानते हैं कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन रुपये को लेकर क्या आंकड़े सामने आए हैं।
रुपए में जबरदस्त उछाल
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की बढ़त दर्ज की और 86.19 के स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़त घरेलू शेयर बाजार में मजबूती और विदेशी निवेशकों द्वारा किए गए निवेश के चलते देखने को मिली। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, एफपीआई ने इस सप्ताह दूसरी बार इक्विटी में शुद्ध खरीदार की भूमिका निभाई और डेट मार्केट में भी भारी निवेश किया, जिससे रुपये को समर्थन मिला।
इंटरबैंक फॉरेक्स बाजार में रुपया 86.26 पर खुला और फिर मजबूती के साथ 86.19 तक पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले 17 पैसे अधिक था। गुरुवार को भी रुपये में मजबूती देखी गई थी, जहां यह 1 पैसे की बढ़त के साथ 86.36 पर बंद हुआ था। यह लगातार छठा सत्र रहा जब रुपये ने बढ़त दर्ज की, और इस दौरान इसकी कीमत में 1 रुपये से अधिक की तेजी देखी जा चुकी है।
विदेशी निवेशकों ने कितना किया निवेश
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी के अनुसार, घरेलू बाजार में रुपये में काफी उतार–चढ़ाव देखा गया, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के प्रभाव और मजबूत एफआईआई प्रवाह के कारण था। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 3,239.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
पबारी ने बताया कि कई हफ्तों की लगातार निकासी के बाद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में 3,200 करोड़ रुपये से अधिक और डेट मार्केट में 5,500 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह निवेश भारत के 3.028 प्रतिशत के उच्च वास्तविक प्रतिफल (रियल यील्ड) से प्रेरित रहा।
डॉलर इंडेक्स और शेयर बाजार में इजाफा
इस दौरान, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.13 प्रतिशत बढ़कर 103.98 पर पहुंच गया। वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई, जो 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
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पाबरी ने कहा कि मौजूदा बाजार परिस्थितियों को देखते हुए, निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर और रुपये की जोड़ी 86.00 से 86.80 के बीच बनी रह सकती है। हालांकि, मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच 86.50-86.60 के स्तर पर मामूली उछाल देखने को मिल सकता है।
घरेलू शेयर बाजार में भी मजबूती जारी रही, जहां बीएसई सेंसेक्स 500 से अधिक अंकों की बढ़त के साथ 76,923.57 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 170 अंकों की तेजी के साथ 23,359.85 अंक पर कारोबार कर रहा था।