धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता और संपत्ति जानकर रह जाएंगे हैरान! धीरेंद्र शास्त्री एक प्रसिद्ध कथा वाचक हैं, जिनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी एक झलक पाने के लिए लोग सड़कों पर जाम तक लगा देते हैं। उनके प्रवचनों के करोड़ों श्रोता हैं, और उनकी कथा में शामिल होने के लिए लोग दूरदूर से उमड़ते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि लोग जानना चाहते हैं कि आखिर वह कितने अमीर हैं और उनके पास कितनी संपत्ति है।

पिछले कुछ वर्षों में, भारत में धर्म और आस्था की दुनिया में एक नाम तेजी से उभरा हैपंडित धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें बाबा बागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। उनके कार्यक्रमों में हजारों की भीड़ उमड़ती है, और बड़ेबड़े नेता, उद्योगपति और फिल्मी सितारे भी उनके दर्शन के लिए बेताब रहते हैं। जितनी चर्चा उनके धार्मिक प्रवचनों की होती है, उतनी ही दिलचस्पी उनकी कमाई और नेट वर्थ को लेकर भी लोगों के बीच बनी हुई है।

एक कथा की फीस लाखों में

कथा के लिए लाखों में फीस लेते हैं बाबा बागेश्वर? जानिए सच्चाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा बागेश्वर यानी धीरेंद्र शास्त्री एक कथा के लिए करीब ₹3.5 लाख रुपये तक की राशि लेते हैं। आमतौर पर वह हर महीने तीन से चार कथाएं करते हैं। आयोजकों का कहना है कि उनकी एक कथा में लाखों भक्त उमड़ते हैं, और पूरा आयोजन कई करोड़ रुपये तक का हो सकता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े चैनलों और आयोजकों के मुताबिक, धीरेंद्र शास्त्री खुद कभी प्रत्यक्ष रूप से फीस की मांग नहीं करते। उन्हें यह राशि दान और चढ़ावे के रूप में दी जाती है। हालांकि इस मुद्दे पर विवाद भी हुआ है। कुछ लोगों ने यह दावा किया कि कथावाचकों की फीस ₹50 लाख तक पहुंच जाती है, लेकिन बाबा बागेश्वर की टीम ने इन दावों को भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया।

कितनी है बाबा बागेश्वर की कुल संपत्ति?

कितनी है पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कुल संपत्ति? रिपोर्ट्स के अनुसार, पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कुल नेटवर्थ लगभग ₹20 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है। इस आंकड़े में उनकी कथाओं से होने वाली आय, भक्तों द्वारा दिए गए दान, और बागेश्वर धाम में चढ़ाए गए चढ़ावे शामिल हैं।

उनके पास कई लग्ज़री गाड़ियाँ हैं और वे देशभर में विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन करते हैं। हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि वे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों में खर्च करते हैं।

चैरिटी और समाजसेवा का दावा

धर्म के साथ सेवा भी है धीरेंद्र शास्त्री का मकसद धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि उन्हें मिलने वाला चढ़ावा और दान वे सामाजिक कल्याण के कार्यों में लगाते हैं। उनकी टीम फिलहाल एक कैंसर अस्पताल स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मुफ्त इलाज मिल सके।

वे अपने प्रवचनों के दौरान कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका उद्देश्य सिर्फ धर्म का प्रचार करना नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों की मदद करना भी उतना ही अहम है।

लोकप्रियता और आलोचना दोनों साथसाथ

बाबा बागेश्वर पर विश्वास भी, सवाल भीलेकिन लोकप्रियता बरकरार जहां एक ओर लाखों लोग बाबा बागेश्वर को एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में श्रद्धा से देखते हैं, वहीं कुछ लोग उनके कथावाचन की फीस और चमत्कारों के दावों को लेकर सवाल उठाते हैं।

इसके बावजूद धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। उनकी कथाओं में हर बार भीड़ बढ़ती जा रही है और सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है।

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