मनोज कुमार की फिल्में : बॉलीवुड के महान अभिनेता मनोज कुमार का शुक्रवार, 4 अप्रैल की सुबह निधन हो गया। 87 वर्षीय इस दिग्गज कलाकार ने मुंबई के अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। मनोज कुमार अपनी देशभक्ति से भरपूर फिल्मों के लिए खास तौर पर पहचाने जाते थे। आइए, उनकी कुछ यादगार फिल्मों पर नजर डालते हैं।
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मनोज कुमार, जिन्होंने अपनी दमदार अदाकारी से दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया, अब हमारे बीच नहीं रहे। अपने लंबे फिल्मी सफर में उन्होंने कई तरह की फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें विशेष रूप से उन फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिनमें सामाजिक और देशभक्ति से जुड़े अहम मुद्दों को उठाया गया था। उनकी फिल्मों की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उनका यादगार संगीत भी रहा। आज भी 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर उनके देशभक्ति से ओत–प्रोत गीत गूंजते हैं। ‘है प्रीत जहां की रीत सदा’ और ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ जैसे अमर गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। आइए, उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों को याद करें।
शहीद (1965)
महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रेरित होकर मनोज कुमार ने इस फिल्म में उनका किरदार निभाया था। कई लोग ‘शहीद’ को उनकी सबसे उत्कृष्ट फिल्म मानते हैं। इस फिल्म ने हिंदी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम किया था।
उपकार (1967)
‘उपकार’ का निर्देशन और मुख्य भूमिका, दोनों ही मनोज कुमार ने निभाई थी। इस फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों से जबरदस्त सराहना मिली और इसे बेस्ट फिल्म, बेस्ट निर्देशक, बेस्ट कथा और बेस्ट संवाद जैसी कई श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजा गया। ‘उपकार’ की अपार सफलता के बाद ही मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ के नाम से पहचाना जाने लगा, क्योंकि फिल्म में उनके किरदार का नाम भारत था। यह पहली फिल्म थी जो ‘जय जवान–जय किसान’ के नारे पर आधारित थी, जिसमें किसानों की समस्याओं और सैनिकों के योगदान को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया था।
पूरब और पश्चिम (1970)
देशभक्ति से ओत–प्रोत फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ का निर्माण खुद मनोज कुमार ने किया था। इस फिल्म में विदेशों में बसे भारतीयों के जीवन और उनकी देशभक्ति को खूबसूरती से दर्शाया गया था। यह वह दौर था जब देश अंग्रेजों की लंबी गुलामी से आज़ाद हुआ था और दर्शक बड़े पर्दे पर देशभक्ति से जुड़ी कहानियों को बेहद पसंद कर रहे थे।
रोटी कपड़ा और मकान (1974)
मनोज कुमार की एक और सुपरहिट फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में भारत–पाकिस्तान युद्ध के बाद देश की खराब होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी को बेहद संवेदनशील तरीके से दर्शाया गया था। 1974 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने आम आदमी की सबसे बुनियादी जरूरतें—रोटी, कपड़ा और मकान—को गंभीरता से उठाया और समाज में गहरी छाप छोड़ी।
क्रांति (1981)
मनोज कुमार की फिल्म ‘क्रांति’ एक बेहतरीन ऐतिहासिक फिल्म है, जो देशभक्ति की भावना को प्रबल रूप से दर्शाती है। इस फिल्म में उन्होंने अंग्रेजी शासन के अत्याचारों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया था। दिलीप कुमार, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा और शशि कपूर जैसे दिग्गज कलाकारों ने इसमें अहम भूमिकाएँ निभाईं। ‘क्रांति’ आज भी अपने दमदार संगीत, शानदार अभिनय और जहाजों पर फिल्माए गए भव्य युद्ध दृश्यों के लिए याद की जाती है।