पंकज उधास जीवनी : साल 2024 में भारत ने संगीत की दुनिया का एक ऐसा चमकता सितारा खो दिया, जिसकी आवाज ने न केवल देशवासियों का दिल जीता बल्कि पूरी दुनिया को अपनी गज़लों का दीवाना बना दिया। उस महान गायक की ज़िंदगी की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। चलिए आज हम आपको उस दिग्गज कलाकार से जुड़ी कुछ खास और अनसुनी बातें बताते हैं।
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‘ना कजरे की धार’ और ‘चिट्ठी आई है’ जैसे यादगार गानों को अपनी soulful आवाज़ देने वाले मशहूर गज़ल गायक पंकज उधास का निधन पिछले साल हुआ था। उनके संगीत को शायद ही कोई हो जो पसंद न करता हो। लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी चर्चाओं में रही। खासकर जब उन्होंने एक मुस्लिम लड़की से शादी की, तब उन्हें सामाजिक विरोध और मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा।
इतना ही नहीं, एक बार पंकज उधास ने एक गाना गाने से इनकार किया तो उन्हें बंदूक की नोक पर गाने के लिए मजबूर किया गया था। शादी से लेकर फैंस की ऐसी खतरनाक डिमांड तक, इन सभी घटनाओं का ज़िक्र खुद पंकज उधास ने कई इंटरव्यू में किया था। आज, 17 मई को उनकी 73वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर, आइए उनकी ज़िंदगी के कुछ दिलचस्प और यादगार किस्सों को याद करें।
मुश्किलों से हुई थी पंकज उधास की शादी
17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में जन्मे पंकज उधास का ताल्लुक एक हिंदू गुजराती परिवार से था। उनकी शुरुआती पढ़ाई जेतपुर में ही हुई, लेकिन बाद में उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया, जहां उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई सेंट जेवियर कॉलेज से पूरी की। कॉलेज के दौरान उन्होंने पहली बार मंच पर ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया था, जिसके लिए उन्हें 51 रुपये का पुरस्कार मिला था। यह पल उनके संगीत करियर की शुरुआत का संकेत बना।
फिल्म ‘कामना‘ में उनका पहला गाना शामिल हुआ, लेकिन वह खास चल नहीं सका। उनकी असली पहचान मिली 1986 में आई फिल्म नाम के सुपरहिट गीत ‘चिट्ठी आई है‘ से, जिसने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया।
अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर भी पंकज उधास चर्चा में रहे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनकी मुलाकात फरीदा से उनके एक पड़ोसी के ज़रिए हुई थी। फरीदा पेशे से एयर होस्टेस थीं और दोनों की पहली मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी। धीरे–धीरे दोनों एक–दूसरे को पसंद करने लगे, लेकिन फरीदा के परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार करने से मना कर दिया था। पंकज उधास को शादी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने फरीदा के पिता को मना लिया और 11 फरवरी 1982 को दोनों ने शादी कर ली। पंकज उधास और फरीदा की दो बेटियां हैं – नायाब और रिवा उधास, जो उनके जीवन का अहम हिस्सा हैं।
बंदूक की नोक पर पंकज उधास से किसने गवाई थी गजल?
पंकज उधास की मखमली आवाज़ का जादू पूरी दुनिया पर छाया हुआ था। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया था कि एक स्टेज शो के दौरान उनके साथ एक बेहद चौंकाने वाला वाकया हुआ था। उन्होंने बताया कि जब वे कुछ ग़ज़लें गाकर थक चुके थे, तो एक व्यक्ति ने और गाने की ज़िद की। जब पंकज उधास ने मना किया, तो उस शख्स ने बंदूक निकाल ली और उन्हें धमकाते हुए कहा – “अगर अब और नहीं गाया, तो गोली मार दूंगा।“
इस डरावने लम्हे में भी पंकज उधास ने धैर्य बनाए रखा और उस व्यक्ति की फरमाइश पूरी कर दी। यह किस्सा उनके करियर के सबसे हैरान करने वाले पलों में से एक बन गया।
पंकज उधास के बेहतरीन गजल
पंकज उधास ने अपने संगीत सफर में अनगिनत ग़ज़लें और गीत गाए, लेकिन कुछ नगमें ऐसे हैं जो श्रोताओं के दिलों में हमेशा के लिए बस गए। उनके द्वारा गाए गए ना कजरे की धार, चिट्ठी आई है, चांदी जैसा रंग है तेरा, आहिस्ता, आज फिर तुमपे प्यार आया है, थोड़ी थोड़ी पिया करो, आदमी खिलौना है, चुपके चुपके सखियों से, यूँ मेरे खत का जवाब आया, पीने वालों सुनो और मैखाने से शराब से जैसे गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं।
25 फरवरी 2024 को पंकज उधास ने मुंबई में 72 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनका संगीत आज भी उनके चाहने वालों के दिलों में जीवित है।