धर्मेंद्र कॉलेज दिनों की कहानी : धर्मेंद्र के निधन ने फैंस को गहरी मायूसी में डाल दिया है। वर्षों पहले जिस कॉलेज में बैठकर उन्होंने एक्टर बनने का सपना देखा था, उसी कॉलेज के प्रिंसिपल ने उनसे जुड़ी कई यादें साझा की हैं। इसके साथ ही उन्होंने इतने बड़े सितारे के दुनिया से विदा लेने पर गहरा शोक भी व्यक्त किया है।
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बॉलीवुड के महान सुपरस्टार धर्मेंद्र के देहांत से देश–दुनिया में मौजूद उनके चाहने वाले सदमे में हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। कई फैंस अभी भी इस कड़वी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे कि उनका पसंदीदा सितारा अब हमारे बीच नहीं रहा। पंजाब के लुधियाना के साहनेवाल गांव डांगो से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र का मुंबई में 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। धर्मेंद्र ने नर्सरी से लेकर 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई फगवाड़ा के आर्य समाज स्कूल में की थी, जहाँ उनके पिता केवल कृष्ण भी अध्यापक थे।
दसवीं के बाद धर्मेंद्र ने फगवाड़ा के रामगढ़िया कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर में दाखिला लिया। हालांकि पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने अभिनय के सपने को पूरा करने का निर्णय लिया और 1952 में मुंबई का रुख कर दिया। कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार, धर्मेंद्र ने अपना बचपन और शिक्षा फगवाड़ा की गलियों और संस्थानों में ही बिताई थी, और यहीं से उनके सपनों की उड़ान शुरू हुई।
धर्मेंद्र कॉलेज दिनों की कहानी : चोरी–चुप्पे फिल्में देखा करते थे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र के निधन के बाद रामगढ़िया कॉलेज के प्रिंसिपल, विद्यार्थियों और पूरे स्टाफ ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। सभी ने मिलकर फूल अर्पित किए और परमात्मा से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कॉलेज प्रिंसिपल ने धर्मेंद्र की पढ़ाई से लेकर उनके अभिनय के शुरुआती झुकाव तक कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र ने फगवाड़ा के आर्य समाज स्कूल में दसवीं तक शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने रामगढ़िया कॉलेज में 11वीं में प्रवेश लिया। इसी दौरान उनकी फिल्मों में गहरी रुचि विकसित हुई। प्रिंसिपल के अनुसार, धर्मेंद्र अक्सर चोरी–छिपे कॉलेज से निकलकर फगवाड़ा से जालंधर बस के जरिए फिल्में देखने जाया करते थे। उस समय फिल्में देखना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन धर्मेंद्र को सिनेमा बेहद पसंद था और अभिनय के प्रति उनका जुनून भी स्पष्ट दिखाई देता था।
प्रिंसिपल ने धर्मेंद्र पर क्या कहा?
रामगढ़िया कॉलेज के वर्तमान प्रिंसिपल, डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि धर्मेंद्र ऐसी महान शख्सियत थे, जिन्होंने सिर्फ रामगढ़िया कॉलेज ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। उन्होंने याद करते हुए बताया कि एक्टर बनने के बाद धर्मेंद्र कई साल पहले कॉलेज आए थे, और उनकी उनसे दो से तीन बार मुलाकात भी हुई थी। चूंकि धर्मेंद्र की उम्र उनके पिता के बराबर थी, इसलिए वे उन्हें पिता जैसा सम्मान देते थे।
प्रिंसिपल ने कहा कि 89 वर्ष की आयु में धर्मेंद्र का जाना बेहद दुखद है, क्योंकि आजकल इतनी लंबी उम्र पाना भी आसान नहीं है। उनके अनुसार, धर्मेंद्र के निधन के साथ एक युग का अंत हो गया है, क्योंकि उनके जैसा प्रतिभाशाली और करिश्माई अभिनेता दुनिया में दोबारा शायद ही कभी जन्म ले।
रिटायर चपरासी हरभजन सिंह ने धर्मेंद्र पर क्या कहा?
फगवाड़ा के जिस स्कूल में धर्मेंद्र ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की थी, वहीं के रिटायर्ड चपरासी हरभजन सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग 45–50 साल तक इसी स्कूल में सेवा की है। हरभजन के अनुसार, धर्मेंद्र ने नर्सरी से लेकर दसवीं तक की शिक्षा इसी स्कूल में प्राप्त की, जहाँ उनके पिता केवल कृष्ण भी अध्यापक के रूप में पढ़ाया करते थे। उन्होंने बताया कि यह स्कूल काफी पुराना है और समय के साथ इसकी हालत खराब हो गई थी, हालांकि अब यहां नई बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है।
हरभजन ने याद करते हुए कहा कि धर्मेंद्र इसी स्कूल में पढ़ते थे और स्कूल के मैदान में खेला करते थे। लगभग 8–10 साल पहले धर्मेंद्र स्कूल आए थे। उस दिन स्कूल में छुट्टी थी, लेकिन फिर भी उन्हें उनसे मिलने और फोटो खिंचवाने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र के निधन की खबर से सभी बेहद दुखी हैं, क्योंकि धर्मेंद्र ने सिर्फ इस स्कूल ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब का नाम देश–विदेश में रोशन किया।
आर्य समाज स्कूल के मौजूदा चपरासी ने धरम जी पर क्या कहा?
आर्य समाज स्कूल में चपरासी के रूप में कार्यरत रामू ने बताया कि धर्मेंद्र ने नर्सरी से दसवीं तक की पढ़ाई इसी स्कूल में की थी और उनके पिता भी यहीं अध्यापक थे। रामू ने कहा कि लगभग 8–10 साल पहले धर्मेंद्र स्कूल आए थे, उस समय उन्हें उनसे मिलने और उनके साथ फोटो खिंचवाने का मौका मिला था। धर्मेंद्र इस स्कूल से आगे की शिक्षा के लिए रामगढ़िया कॉलेज गए थे, जहाँ उन्होंने दाखिला लिया था। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि धर्मेंद्र के निधन की खबर बेहद पीड़ादायक है, क्योंकि उनसे आखिरी मुलाकात भी करीब एक दशक पहले ही हो पाई थी।