मेरे अंगने में गाना : लावारिस फिल्म का मशहूर गाना मेरे अंगने में, तुम्हारा क्या काम है… हर घर में लोकप्रिय हो गया था। आज भी इस गाने को अमिताभ बच्चन से जोड़ा जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को याद होगा कि फिल्म में इसे सबसे पहले राखी पर फिल्माया गया था। इस गाने को अलका याज्ञनिक ने अपनी आवाज़ दी थी, जिसने उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
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साल 1981 की ब्लॉकबस्टर फिल्म लावारिस, जिसे प्रकाश मेहरा ने प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया था, में अमिताभ बच्चन, जीनत अमान, राखी, अमजद खान और रंजीत ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं। इस फिल्म के कई गाने हिट हुए, लेकिन मेरे अंगने में उस दौर में सबसे चर्चित बन गया। यह गाना आज भी लोगों की ज़ुबान पर है और एक क्लासिक का दर्जा हासिल कर चुका है। इस गाने की लोकप्रियता की कई वजहें थीं और इसकी अपनी एक अलग कहानी भी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह गाना केवल अमिताभ बच्चन से ही क्यों जुड़ा, जबकि फिल्म में इसका एक संस्करण अलका याज्ञनिक की आवाज़ में भी था?
80 के दशक की शुरुआत में अलका याज्ञनिक फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक नई गायिका थीं। उन्होंने बचपन से शास्त्रीय संगीत सीखा था, लेकिन बॉलीवुड में उनके गाने कम ही थे। लावारिस का यह गाना उनके करियर के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इसे सुनकर हर किसी ने उनकी गायकी की तारीफ की। हालांकि, तेजाब फिल्म में माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया एक.. दो… तीन गाना उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना गया, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उनकी पहचान बनाने में मेरे अंगने में गाने की भी अहम भूमिका रही।
लावारिस में राखी के लिए गाया वह गाना
फिल्म की कहानी में अमिताभ बच्चन का किरदार हीरा एक लावारिस युवक का है, जिसे बड़े होने पर पता चलता है कि वह नाजायज संतान है। उसे अपने माता–पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। फिल्म में राखी ने एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई है, जो शादी के बिना मां बनती है, और वही बच्चा बड़ा होकर हीरा (अमिताभ बच्चन) बनता है। राखी का किरदार एक आर्टिस्ट का है, और सबसे पहले वही गाना गाती है— मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है… जो है नाम वाला वही तो बदनाम है… यह गीत अलका याज्ञनिक की आवाज़ में था, जिसे संगीतकार जोड़ी कल्याणजी–आनंदजी ने कंपोज किया था।
80 के दशक की शुरुआत में अलका याज्ञनिक इंडस्ट्री में नई थीं और उनकी कोई खास पहचान नहीं थी। उस समय लता मंगेशकर और आशा भोसले ही मुख्य गायिकाएं मानी जाती थीं। लेकिन मेरे अंगने में… के फीमेल वर्जन के लिए कल्याणजी–आनंदजी ने अलका याज्ञनिक को चुना। फिल्म के अधिकतर गाने किशोर कुमार की आवाज में थे, सिर्फ एक युगल गीत कबके बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले… में आशा भोसले ने किशोर कुमार के साथ गाया था। संयोग से मेरे अंगने में… के लिए पहले आशा भोसले से बात हुई थी, लेकिन बात नहीं बनी और यह मौका अलका याज्ञनिक को मिल गया। यह गाना इतना लोकप्रिय हुआ कि उनके करियर को एक नई पहचान मिल गई।
जब अमिताभ बच्चन ने साड़ी पहनकर गाया
कहानी में आगे चलकर अमिताभ बच्चन, यानी हीरा, अमजद खान के किरदार रणवीर सिंह के संपर्क में आता है। एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन इस गाने पर रंग–बिरंगी साड़ियां पहनकर जबरदस्त अंदाज में परफॉर्म करते हैं। खास बात यह थी कि उन्होंने इसे अपनी ही आवाज़ में रिकॉर्ड किया था। उनके दमदार प्रदर्शन ने इस गीत को यादगार बना दिया, और यह उनके प्रशंसकों के लिए एक अनोखी सौगात साबित हुआ।
अमिताभ की तरह ही अलका भी सुपरहिट
इस गाने के हर अंतरे में कभी लंबी, कभी छोटी, कभी मोटी, कभी काली तो कभी गोरी पत्नी का जिक्र होता है, और हर अंतरे के अनुसार अमिताभ बच्चन अलग–अलग मेकअप और साड़ी में नजर आते हैं, जिससे उनका प्रदर्शन और भी मनोरंजक बन जाता है। उस दौर में अमिताभ की इस परफॉर्मेंस ने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की थी। उनकी आवाज में गाए गए इस गीत ने अलका याज्ञनिक के संस्करण से भी अधिक प्रभाव छोड़ा था। चूंकि यह गाना मुख्य रूप से पुरुष दृष्टिकोण को दर्शाता है, इसलिए पुरुष आवाज में यह और अधिक स्वाभाविक लगा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि अलका की गायकी कहीं से भी कमजोर थी—बल्कि इस गीत ने उन्हें स्टार बना दिया था।
फिल्म में एक दृश्य के दौरान, जब अमजद खान (रणवीर सिंह) अमिताभ बच्चन (हीरा) से पूछते हैं कि उसने यह गाना कहां सुना, तो वह जवाब देता है कि उसकी मां, यानी राखी, इसे गाया करती थीं। यह सुनकर अमजद खान को समझते देर नहीं लगती कि हीरा उनका ही बेटा है। इसके बाद फिल्म की कहानी पिता–पुत्र के इमोशनल मेलोड्रामा की ओर बढ़ती है।
पहले गीतकार का नाम हरिवंश राय बच्चन था
अमिताभ बच्चन की आवाज में इस गीत की जबरदस्त लोकप्रियता के पीछे एक बड़ा कारण इसके गीतकार को लेकर पैदा हुई भ्रम की स्थिति भी थी। जब यह गाना बाजार में आया, तो रिकॉर्ड पर इसके गीतकार के रूप में हरिवंश राय बच्चन का नाम दर्ज था। इससे उनके प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला—कवि पिता ने लिखा और कलाकार बेटे ने गाया! उस समय अमिताभ बच्चन पहले ही सफलता के शिखर पर थे, और उनका किया हर काम चर्चा में आ जाता था। हालांकि, बाद में मिले प्रमाणों के आधार पर नए रिकॉर्ड में हरिवंश राय बच्चन का नाम हटाकर इसकी जगह “ट्रेडिशनल” लिखा गया।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मेरे अंगने में… उत्तर प्रदेश का एक पुराना लोकगीत है, जिसे पारंपरिक रूप से शादी–विवाह के अवसरों पर गाया जाता था। लावारिस फिल्म में इस गीत को उसी लोकधुन के आधार पर कुछ नए शब्दों के साथ पुनर्प्रस्तुत किया गया था।