बिग बॉस OTT 3′ के घर में कई मशहूर सितारे शामिल हो गए हैं। गांव की सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर से लेकर बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में काम करने वाले एक्टर तक, इस ‘बिग बॉस’ के घर में कई ऐसे चेहरे बंद हो गए हैं। हाल ही में शो में शामिल 16 प्रतियोगी में से दो अभिनेत्रियों ने इंडस्ट्री में होने वाले भेदभाव के बारे में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है।

जियो सिनेमा पर ‘बिग बॉस ओटीटी’ की शुरुआत हो चुकी है। इस शो में अनिल कपूर के साथ 16 प्रतियोगी शामिल हैं, जिनमें सना मकबूल और पौलोमी दास भी शामिल हैं। सना ने अपने करियर की शुरुआत डिज्नी के टीवी सीरियल ‘ईशान: सपनों को आवाज दे’ के साथ की थी और उसके बाद तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा साबित की। पौलोमी दास, जो कोलकाता की एक खूबसूरत अदाकारा है, ने ‘इंडियाज टॉप मॉडल’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इन दोनों अभिनेत्रियों ने ‘बिग बॉस’ के घर में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है।

सना और पौलोमी, अनिल कपूर के शो में अपने अनुभवों पर चर्चा करते हुए दिखाई दीं। इंडस्ट्री में रंगभेद का आरोप लगाते हुए पौलोमी ने कहा कि जब भी वे कोई ऑडिशन देती हैं, तो उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है कि यह किरदार उनकी रंग-नस्ल की लड़की के लिए नहीं है। सना ने भी इस पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उन्हें भी कई बार ऐसा हुआ है। लेकिन वे अपने रंग पर गर्व करती हैं और इस तरह के रिजेक्शन से निराश नहीं होतीं। बातचीत के दौरान पौलोमी ने यह भी कहा कि इस तरह के रिजेक्शन से वे इंडस्ट्री में काफी निराश हो चुकी हैं।

रंग का ओबसेशन

फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में रंग के मुद्दे पर ध्यान देना कोई नई बात नहीं है। कई एक्ट्रेस, जैसे पारुल चौहान, कृतिका सेंगर, उल्का गुप्ता, बरखा बिष्ट जैसी, अपने रंग के कारण बड़े प्रोजेक्ट्स से बाहर होने का सामना करना पड़ा है। प्रियंका चोपड़ा, राधिका आपटे, चित्रांगदा सिंह जैसी कई फिल्मी अभिनेत्रियों को भी उनके रंग की वजह से ऑडिशन में रिजेक्ट किया गया है।

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