देव आनंद ज्वेल थीफ फिल्म : बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान की नई फिल्म ज्वेल थीफ का ट्रेलर रिलीज होते ही छा गया है। इस थ्रिलर ट्रेलर को दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म में सैफ दमदार लीड रोल निभा रहे हैं, वहीं उनके अपोजिट नजर आएंगे पाताल लोक फेम जयदीप अहलावत, जो एक बार फिर अपने खास अंदाज़ से फैंस को प्रभावित कर रहे हैं।
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इस मौके पर चलिए याद करते हैं उस क्लासिक ज्वेल थीफ को, जिसमें छह दशक पहले देव आनंद ने अपने करियर की सबसे यादगार भूमिका निभाई थी। ये फिल्म न सिर्फ एक ब्लॉकबस्टर हिट थी, बल्कि आज भी थ्रिल और स्टाइल का बेंचमार्क मानी जाती है।
अब सवाल यह उठता है—अगर देव आनंद की ज्वेल थीफ आज के दौर में रिलीज होती, तो बॉक्स ऑफिस पर उसका प्रदर्शन कैसा होता? आइए जानते हैं फिल्म की उस समय की कमाई और आज के हिसाब से उसका संभावित कलेक्शन कितना हो सकता था।
देव आनंद ज्वेल थीफ फिल्म : गोल्डन एरा के ज्वेल थीफ की कहानी
देव आनंद की क्लासिक फिल्म ज्वेल थीफ साल 1967 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस रोमांचक थ्रिलर में उनके साथ लीड रोल में नजर आईं थीं खूबसूरत अभिनेत्री वैजयंतीमाला। वहीं सेकेंड लीड में तनुजा ने अपनी मौजूदगी से फिल्म को और भी खास बना दिया था। इस फिल्म का निर्देशन देव आनंद के भाई विजय आनंद ने किया था, जो अपनी बेहतरीन कहानी कहने की शैली के लिए मशहूर थे। खास बात यह रही कि दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार भी इस फिल्म में एक अहम किरदार में दिखाई दिए थे, और यह उन गिनी–चुनी फिल्मों में से एक थी जिसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई थी।
ज्वेल थीफ ने कितने कमाए थे?
ज्ज्वेल थीफ अपने दौर की सबसे चर्चित स्पाई–थ्रिलर फिल्मों में से एक थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फिल्म ने करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये की कमाई की थी और यह साल की छठी सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बन गई थी। इतना ही नहीं, 60 के दशक की टॉप 40 हाईएस्ट ग्रॉसिंग फिल्मों की लिस्ट में भी इसका नाम शामिल है। अगर यही फिल्म आज के समय में रिलीज होती, तो इसकी कमाई में कई गुना इज़ाफा होता। अनुमान के मुताबिक, मौजूदा बाजार में यह फिल्म लगभग 345 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर सकती थी—जो इसे आज भी एक ब्लॉकबस्टर बना देता।
आज भी सुपरहिट हैं ज्वेल थीफ के गाने
ज्वेल थीफ फिल्म जितनी शानदार थी, उसके गाने भी उतने ही लोकप्रिय साबित हुए थे। आसमान के नीचे, रुला के गया सपना मेरा, रात अकेली है, ये दिल ना होता बेचारा और दिल पुकारे आ रे आ रे जैसे सुपरहिट गीतों ने उस दौर में श्रोताओं का दिल जीत लिया था। इन गीतों के बोल मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे, जबकि संगीत की जिम्मेदारी दिग्गज संगीतकार एस. डी. बर्मन ने संभाली थी, जिनकी धुनों ने इन गानों को अमर बना दिया।