बॉलीवुड के महानायक अक्षय कुमार ने फिर से बॉक्स ऑफिस पर धमाका किया है। उनकी पिछली फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ ने दर्शकों का ध्यान नहीं आकर्षित किया था, लेकिन अब एक वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित फिल्म में अपनी उत्कृष्ट अभिनय से अक्षय कुमार एक बार फिर से अपने प्रशंसकों के दिलों को छूने के लिए तैयार हैं।
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Sarfira Review: हमारे देश में सदैव एक आम आदमी को अनदेखा किया गया है, क्योंकि उसे हमेशा से अन्याय का सामना करना पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप, वे अपने आप को कमजोर महसूस करते हैं और समय-समय पर उनकी आत्मसम्मान कम होती है। हालांकि, एक सामान्य व्यक्ति भी जब अपनी स्थिति को समझता है, तो उसकी भावनाओं में जो उत्कृष्टता छिपी होती है, वह उसे असंभाविता को संभावनाओं में बदलने की शक्ति प्रदान करती है। इसी तरह का एक सपना एक सरफिरे ने देखा था – अपनी हवाई सेवाएं शुरू करने का। यह विचार समाज में अद्वितीय था, लेकिन एक गाँव के व्यक्ति के मन में उत्पन्न हुआ कि उन्हें अपने लोगों को सस्ते दामों पर हवाई यात्रा करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। यह सरफिरा की कहानी है, जो गोपीनाथ जी ने सालों पहले अपने स्वप्न को वास्तविकता में बदलने की कहानी है।
कहानी
छत पर खड़ा हुआ एक सेना का रिटायर्ड अफसर। उसकी आंखें आकाश की ओर उठी हुई हैं। उन आंखों में एक विमान उड़ रहा है, जिसमें उसके गांव के लोग, उसका परिवार, और देश के सामान्य नागरिक सवार हैं। उनकी आंखों में वह चमक है, जो बताती है कि उन्हें भी सस्ती हवाई यात्रा करने का मौका मिलेगा। लेकिन ठहरिए, यह अभी तक सच नहीं हुआ है। रिटायर्ड अफसर वीर म्हात्रे की आंखों में यह दृश्य उतर रहा है, जब वह छत से आकाश की ओर देखते हैं। सुबह-शाम वह बस एक सपना देखते हैं – कि उन्होंने अपनी एयरलाइन शुरू की है और 1 रुपये में आम आदमी को हवा में उड़ने का मौका दे रहे हैं।
लेकिन यह काम इतना सरल नहीं होता। पहले तो वीर म्हात्रे को अपने घर में ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनके पिता उनके इस निर्णय के विरुद्ध खड़े रहते हैं और इसके कारण दोनों के बीच विवाद होता है। इसके बाद, एक एयरलाइन शुरू करने के लिए वित्त प्राप्त करना, बैंकों की मंजूरी प्राप्त करना, और बड़े उद्यमियों से सामना करना पड़ता है। इन सभी मुद्दों के बीच, वीर म्हात्रे अपने सपने को कई बार टूटते हुए देखते हैं। लेकिन इस जीवन के सफर में उन्हें रानी जैसी एक साथी मिलती है। रानी का भी एक सपना होता है कि वह अपना व्यवसाय चलाए। जब ये दो साथी मिलते हैं, तो इस सपने में नई उम्मीद की किरण आ जाती है। यह फिल्म एक सबूत है कि अंत तक हार न मानने से एक आम इंसान का सपना भी सच हो सकता है। इस कहानी को अब आप सिनेमाघरों में देख सकते हैं।
अक्षय ने अपनी एक्टिंग से किया इमोशनल
फिल्म की कहानी पूरी तरह से अक्षय कुमार के किरदार वीर म्हात्रे पर निर्भर करती है, जो जी आर गोपीनाथ से प्रेरित हैं। इस भूमिका में अक्षय कुमार एक बार फिर से अपने फैंस के दिलों को छू लिए हैं। उनकी अभिनय क्षमता को लोगों ने काफी समय से देखा है। वे अपनी कॉमेडी से लोगों को इतना हंसाते हैं कि लोग हंसते-हंसते पेट पकड़ लेते हैं। उनके एक्शन सीन्स से लोग चौंक जाते हैं, और उनकी इमोशनल सीन्स में लोगों के आंसू भी निकल आते हैं। इस फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं जो काफी इमोशनल हैं।
जब वीर म्हात्रे अपने पिता के निधन के बाद घर वापस आता है, तो उस सीन को देखना वेरी एमोशनल होता है। कुछ पैसों की कमी के कारण वह फ्लाइट का टिकट नहीं खरीद पाता है, और जब तक वह अपने घर पहुंचता है, उसके पिता गुजर चुके होते हैं। इस दृश्य में अक्षय कुमार ने उस भावनात्मक पल को बहुत ही सुंदरीकृत किया है, जिसे देखकर दर्शकों की आँखें भर आएंगी। वे फिर से साबित करते हैं कि चुनौतियों का सामना करना और अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करना, यह उनकी कला में माहिर है।
स्क्रीनप्ले, डायलॉग्स, एक्टिंग और स्क्रिप्टिंग
सुधा कोंगरा ने इस फिल्म का निर्देशन किया है, जिन्होंने सूर्या के साथ ‘सोरारई पोटरु’ नाम से भी एक फिल्म बनाई थी। 2020 में इस फिल्म को लोगों ने बहुत पसंद किया था। उसी तरह से सुधा ने इस फिल्म को भी निर्देशित किया है। इस फिल्म की स्क्रिप्टिंग इस तरह से की गई थी कि दर्शकों ने इसमें 3 घंटे तक का समय बिताया और फिल्म से बहुत जुड़े रहे। इसमें कई ऐसे इमोशनल सीन्स हैं जो फिल्म को एक नई पहचान देते हैं। कुछ सीन्स ऐसे हैं जो दर्शकों को रोंगटे खड़े कर देते हैं। डायलॉग्स फिल्म में ठीक हैं, लेकिन इस क्षेत्र में और बारीकी से काम किया जा सकता था। परेश रावल ने अपने किरदार को ईमानदारी से निभाया है, और सीमा विश्वास का कैरेक्टर भी ध्यान खींचता है। वे इस फिल्म में वीर म्हात्रे की मां के रोल में नजर आती हैं।
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सरप्राइज पैकेज है राधिका मदान का रोल
फिल्म में अक्षय का प्रदर्शन तो शानदार है ही, उनके साथ रानी का किरदार निभाने वाली राधिका मदान ने भी बेहतरीन काम किया है। उन्होंने अपने किरदार की टोन को बखूबी पकड़ा है और पूरी फिल्म में उसे संभाला है, बिना किसी रुकावट के। उनकी एक्टिंग ने इस किरदार को अद्वितीय बना दिया है। वीर म्हात्रे के जीवन में रानी का होना ही उनके सपनों को पूरा करने की ऊंचाइयों तक पहुंचने का माध्यम बना। दोनों के पास एक-दूसरे के बिना कोई अपूर्णता नहीं थी, और उनका रिश्ता इस फिल्म का सबसे ऊंचा बिंदु है। रिव्यू में इसी बिंदु को लेकर बस इतना ही कहा जाएगा। आप इस फिल्म को जरूर देखें, यह फैमिली के साथ आनंद लेने के लिए एक बढ़िया टाइम पास मूवी है, जो आपके मन को भी प्रेरित करेगी।