संजय दत्त रोने का किस्सा : संजय दत्त से जुड़ी कई रोचक कहानियाँ आपने सुनी होंगी, लेकिन जो किस्सा हम बताने जा रहे हैं, वो शायद ही किसी को पता हो। एक बार जब संजय अपने माता–पिता के साथ इटली गए थे, तो उन्होंने ज़िद में आकर सड़क पर लेटकर ज़ोर–ज़ोर से रोना शुरू कर दिया। इस दृश्य को देखकर वहां के लोग हैरान रह गए और सुनील दत्त व नरगिस को बुरा–भला कहने लगे।
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बॉलीवुड के चहेते स्टार संजय दत्त न सिर्फ अपनी फिल्मों बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ के दिलचस्प किस्सों के लिए भी मशहूर हैं। आज हम आपके लिए संजू बाबा की बचपन की एक अनसुनी कहानी लेकर आए हैं। जब वो इटली में अपने माता–पिता के साथ थे, तब एक बात पर अड़ गए और सड़क पर लेटकर रोने लगे। इस पर वहां मौजूद लोगों ने सुनील दत्त और नरगिस को कठोर और निर्दयी तक कह दिया।
यह किस्सा संजय दत्त के बचपन का है, जब वो अपने माता–पिता सुनील दत्त और नरगिस के साथ इटली की सैर पर गए थे। संजू को घोड़ा गाड़ी की सवारी करनी थी और उन्होंने इसकी ज़िद पकड़ ली। लेकिन उनके माता–पिता एक जरूरी मीटिंग में जाने की जल्दी में थे। इस वाकये को खुद सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू में साझा किया था।
इटली की सड़क पर लेटकर रोए थे संजय दत्त
संजय दत्त के पिता सुनील दत्त न सिर्फ बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने राजनीति में भी एक मजबूत पहचान बनाई थी। वहीं उनकी मां नरगिस हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक थीं। एक बार दिवंगत सुनील दत्त ने ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो ‘जीना इसी का नाम है’ में संजय दत्त से जुड़ी एक दिलचस्प घटना साझा की थी। उन्होंने बताया, “हम एक बार इटली के प्रसिद्ध बाजार में थे। संजय उस समय करीब साढ़े तीन साल के थे। वहां सड़क किनारे रेस्टोरेंट्स बने हुए थे और हम वहीं बैठे थे। तभी संजय ने एक घोड़ा गाड़ी देखी और उसमें बैठने की ज़िद पकड़ ली। उस समय हम एक मीटिंग के लिए किसी का इंतज़ार कर रहे थे, इसलिए मैंने कहा कि अभी नहीं जा सकते। यह सुनकर संजय गुस्से में सड़क पर लोटने लगे और ज़ोर–ज़ोर से रोने लगे।
लोगों ने सुनील–नरगिस को कहा क्रूर
जब छोटे संजय दत्त इटली के एक मशहूर बाजार में सड़क पर ज़िद करते हुए लेट गए और ज़ोर–ज़ोर से रोने लगे, तो वहां मौजूद लोगों की नजरें उनके माता–पिता पर टिक गईं। सुनील दत्त ने बताया कि इटैलियन महिलाएं उन्हें घूर रही थीं और कह रही थीं, “हे भगवान, कितने बेरहम मां–बाप हैं ये! बच्चा सड़क पर रो रहा है, लेकिन इन्हें कोई परवाह नहीं।” यह सब सुनकर नरगिस बेहद शर्मिंदा हो गई थीं और खुद को असहज महसूस करने लगी थीं।