करवा चौथ व्रत और डायबिटीज : डायबिटीज और उच्च रक्तचाप (बीपी) के मरीजों को अपने खान–पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। उन्हें लंबे समय तक भूखे रहने से बचने और थोड़ी–थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन दोनों स्वास्थ्य स्थितियों में करवा चौथ का व्रत रखना सुरक्षित है।
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इस साल करवा चौथ का पावन पर्व 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं और सोलह श्रृंगार में सज–धज कर पूजा करती हैं। दोपहर में करवा चौथ की कथा सुनी जाती है और रात में चांद्रमा के दर्शन के बाद ही पानी या भोजन ग्रहण किया जाता है। पूरे दिन बिना भोजन और पानी के रहना कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह सेहत से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
जैसा कि आपको पता होगा, डायबिटीज के मरीजों को आमतौर पर हर 2-3 घंटे में कुछ हल्का और स्वस्थ भोजन लेने की सलाह दी जाती है। इसी तरह, हाई बीपी के मरीजों को भी लंबे समय तक खाली पेट नहीं रहने के लिए कहा जाता है, क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि डायबिटीज और बीपी के मरीज करवा चौथ का व्रत रखें या नहीं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट इस पर क्या राय देते हैं और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जानें एक्सपर्ट की राय
दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसलटेंट एंडॉक्रिनोलॉजिस्ट, डॉ. साकेत कांत ने बताया कि डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को करवा चौथ जैसे लंबे समय तक निर्जला व्रत से पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। अगर ऐसे मरीज लंबे समय तक भूखे रहते हैं, तो उनके ब्लड शुगर लेवल में अत्यधिक उतार–चढ़ाव हो सकता है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी, भ्रम या बेहोशी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। खासकर इंसुलिन या शुगर कंट्रोल की दवाइयां लेने वाले लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर का अचानक गिरना) का खतरा अधिक होता है।
उसी तरह, हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को लंबे समय तक भूखे रहने से डिहाइड्रेशन या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण सिरदर्द, थकान और हृदय गति में तेजी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए ऐसे लोगों को व्रत रखने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए। यदि शुगर या बीपी नियंत्रण में हैं, तो सीमित समय के लिए व्रत रखा जा सकता है, लेकिन इस दौरान पानी या बिना शुगर वाले तरल पदार्थ लेते रहना जरूरी है। किसी भी तरह की कमजोरी, कंपकंपी या चक्कर महसूस होने पर तुरंत व्रत तोड़ देना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आपका शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों नियंत्रण में हैं और आप व्रत रख रही हैं, तो ध्यान रखें कि सरगी में पोषणयुक्त और हल्की चीजें खाएं, ताकि पूरे दिन ऊर्जा बनी रहे और शरीर हाइड्रेटेड रहे। कोशिश करें कि कथा सुनने के बाद धीरे–धीरे पानी पीना शुरू करें।
व्रत खोलते समय अचानक भारी, तैलीय, मीठा या मसालेदार भोजन न करें। यदि सिरदर्द, चक्कर, कमजोरी या कोई अन्य असुविधा महसूस हो, तो तुरंत व्रत तोड़ दें। इस दौरान अधिक मेहनत वाले काम या वर्कआउट से बचें और जितना हो सके आराम करें। घर के कामों में परिवार के अन्य सदस्यों से मदद लेना भी फायदेमंद रहेगा।