Ayurveda Day 2025 : रोटी भारतीय भोजन का सबसे अहम हिस्सा मानी जाती है। यह न सिर्फ पेट भरने का काम करती है, बल्कि शरीर को आवश्यक कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा भी प्रदान करती है। हर दिन ज्यादातर लोग अपनी थाली में रोटी जरूर शामिल करते हैं। लोग अपनी ज़रूरत और पसंद के अनुसार अलगअलग तरह के आटे से बनी रोटी खाते हैं, ताकि सेहत को फायदा हो।

हालांकि, रोटी का फायदा तभी मिलता है जब इसे सही तरीके से बनाया जाए। अक्सर लोग जल्दबाजी में रोटी बनाने में गलती कर बैठते हैं, जिससे यह अधपकी या बहुत सख्त बन जाती है। ऐसी रोटी न सिर्फ स्वाद बिगाड़ती है, बल्कि पाचन संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकती है।

आयुर्वेद के अनुसार, रोटी को सही ढंग से बनाना और खाना बेहद जरूरी है। नरम और अच्छे से पकी रोटी आसानी से पच जाती है और शरीर को पोषण भी देती है। यही कारण है कि आयुर्वेद में रोटी बनाने और खाने से जुड़े कई नियम बताए गए हैं।

भारत में आयुर्वेद का गहरा इतिहास है और इसी वजह से हर साल 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। इस दिन आयुर्वेद के महत्व के साथसाथ सही खानपान की परंपराओं को भी याद किया जाता है।

Ayurveda Day 2025 : आयुर्वेद दिवस

भारत सरकार ने हर साल 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाने की घोषणा की है। आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो हजारों सालों से स्वस्थ जीवनशैली और रोगों के उपचार का आधार रही है। इस दिन का उद्देश्य आयुर्वेद को सम्मान देना और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

आयुर्वेद प्राकृतिक तरीकों से शरीर को स्वस्थ, संतुलित और रोगमुक्त रखने पर जोर देता है। इसी कारण आयुर्वेद में खानेपीने से जुड़े कई अहम नियम बताए गए हैं। खासकर रोटी बनाने का सही तरीका, जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है बल्कि सेहत को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।

रोटी बनाने और खाने का सही तरीका

आयुर्वेद विशेषज्ञ किरण गुप्ता का मानना है कि रोटी हमेशा मोटे अनाज से ही बनानी चाहिए। जिस इलाके में आप रहते हैं, वहां उपलब्ध लोकल अनाज जैसे जौ, बाजरा, रागी या गेहूं का इस्तेमाल करना सबसे बेहतर होता है। अनाज को ताज़ा पीसना चाहिए और हफ्ते से ज्यादा पुराना पिसा हुआ आटा उपयोग नहीं करना चाहिए। आटा कम से कम 3 घंटे पहले गूंथ लेना भी फायदेमंद माना जाता है।

रोटी बनाने के लिए लोहे या मिट्टी के तवे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि गैस पर रोटी सेंकना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इससे पेट में गैस बनने की समस्या हो सकती है।

इसके अलावा, गैस से उतरी हुई गरम रोटी तुरंत खाने की बजाय इसे कैसरोल में रखकर 2 से 4 घंटे बाद खाना बेहतर होता है। इस तरह की रोटी ज्यादा सुपाच्य मानी जाती है। रोटी को हमेशा धीरेधीरे, अच्छे से चबाकर खाना चाहिए और इसे ज्यादा तेल या मसालेदार सब्जियों के साथ नहीं खाना चाहिए।

गैस और एसिडिटी की समस्या

डॉक्टरों के अनुसार, यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है या आपको अक्सर अपच, गैस और एसिडिटी की समस्या होती है, तो रोटी तुरंत खाने की बजाय इसे बनाने के बाद 2 से 3 घंटे रखने के बाद खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। इस तरह की रोटी नरम और सुपाच्य हो जाती है, जिससे इसे पचाना आसान हो जाता है।

रखें इस बात का ख्याल

रोटी बनाते और तवे पर सेकते समय मन को शांत और एकाग्र रखना बहुत जरूरी है। आटा न बहुत कड़ा हो और न ही बहुत नरम, बल्कि मुलायम होना चाहिए। रोटी को पतला और समान रूप से बेलना चाहिए ताकि वह अच्छे से पक सके। तवे पर इसे धीमी आंच पर सेकना सबसे सही होता है।

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खाते समय भी ध्यान रखना चाहिए कि आप स्क्रीन या किसी और चीज़ की तरफ देखें रोटी को शांति और ध्यानपूर्वक चबाकर खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।

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