दही और योगर्ट में अंतर : दही बनाम योगर्ट: क्या आप जानते हैं दोनों में क्या है असली फर्क? भारतीय रसोई में दही का खास स्थान है। यह न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए खाया जाता है, बल्कि कई व्यंजनों में भी इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन हाल के वर्षों में बाजार में योगर्ट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। अक्सर लोग दही और योगर्ट को एक ही समझ लेते हैं, जबकि हकीकत में ये दोनों एकदूसरे से काफी अलग हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दही और योगर्ट के बीच क्या प्रमुख अंतर हैं और आपके लिए कौनसा विकल्प ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

भारत में दही एक पारंपरिक और प्रिय खाद्य पदार्थ है, जिसे लगभग हर घर में बड़े चाव से खाया जाता है। दोपहर के भोजन से लेकर रात के खाने तक, दही न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। वहीं दूसरी ओर, हाल के समय में खासतौर पर शहरी इलाकों में योगर्ट ने तेजी से जगह बनाई है। फिटनेस को लेकर सजग लोग अब दही की जगह योगर्ट को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, क्योंकि इसे हेल्दी ऑप्शन माना जा रहा है।

हालांकि बहुत से लोग आज भी योगर्ट और दही को एक जैसा मानते हैं, लेकिन इन दोनों में कई अहम फर्क होते हैंजैसे स्वाद, बनाने की प्रक्रिया, पोषण तत्व और स्वास्थ्य लाभ। आइए, इस लेख में जानते हैं कि आखिर दही और योगर्ट में क्याक्या भिन्नताएं हैं और आपके लिए कौनसा विकल्प ज्यादा लाभकारी है।

1. बनाने का तरीका

दही और योगर्ट में सबसे बड़ा फर्क होता है इन्हें तैयार करने की प्रक्रिया में। दही को पारंपरिक रूप से दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया की मदद से तैयार किया जाता है। यह बैक्टीरिया दूध के कैसिन नामक ग्लोब्यूलर प्रोटीन के साथ रिएक्ट करता है, जिससे दूध फर्मेंट होकर दही में बदल जाता है। लैक्टिक एसिड, दूध के प्रोटीन को डिनैचर करता है और इसका टेक्सचर गाढ़ा और मलाईदार हो जाता है।

वहीं दूसरी ओर, योगर्ट बनाने के लिए दूध को खासतौर पर दो प्रकार के लाइव बैक्टीरिया के साथ फर्मेंट किया जाता है। ये बैक्टीरिया दूध में मौजूद प्राकृतिक शक्कर लैक्टोज के साथ क्रिया करके लैक्टिक एसिड बनाते हैं। यही एसिड दूध के प्रोटीन के साथ प्रतिक्रिया करके योगर्ट का निर्माण करता है।

2. लेक्टॉस की मात्रा

दही की तुलना में योगर्ट में लेक्टोज की मात्रा कम होती है। इसी कारण जो लोग लैक्टोज इनटॉलरेंट होते हैं, वे आमतौर पर दही की जगह योगर्ट को पसंद करते हैं। खासकर ग्रीक योगर्ट, जो न केवल लैक्टोज में कम होता है, बल्कि इसमें प्रोटीन की मात्रा भी काफी अधिक पाई जाती है।

3. न्यूट्रिशन वैल्यू

अगर न्यूट्रिशनल वैल्यू की बात करें, तो दही और योगर्ट दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन उनके पोषक तत्वों में कुछ अंतर होता है। दही में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और विटामिन B6 अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की पाचन शक्ति और मस्तिष्क के बेहतर कार्य के लिए फायदेमंद हैं।

वहीं योगर्ट को कैल्शियम, विटामिन B12 और फॉस्फोरस का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

4.दही और योगर्ट के फ्लेवर

योगर्ट की खास बात यह है कि यह बाजार में कई फ्लेवर्स में आसानी से उपलब्ध होता हैजैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ग्रीक योगर्ट या मैंगो फ्लेवर। वहीं अगर बात करें दही की, तो यह आमतौर पर सिंपल और प्लेन ही मिलता है। हालांकि भारतीय घरों में लोग इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें नमक, चीनी, गुड़ या चटपटे मसाले मिलाकर खाना पसंद करते हैं।

दही और योगर्ट में कौन है फायदेमंद?

दही और योगर्ट दोनों ही सेहत के लिहाज़ से बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन इनके लाभों में कुछ खास अंतर होते हैं। योगर्ट प्रोटीन, पोटैशियम, मोलिब्डेनम और पैंटोथेनिक एसिड (विटामिन B5) का अच्छा स्रोत है। यह खासकर उनके लिए उपयोगी है जो वजन कम करना चाहते हैं। इसमें मौजूद पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए लाभकारी होता है। योगर्ट में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स पेट की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। ये आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है।

वहीं दही उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जिन्हें पाचन संबंधी समस्याएं रहती हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं। साथ ही, दही में पाए जाने वाले गुड बैक्टीरिया भी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं।

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