आयुर्वेदिक उपाय नींद के लिए : आयुर्वेदिक उपाय नींद के लिएबेहतर सेहत के लिए जरूरी है पूरी नींदअपनाएं आयुर्वेद के ये 5 आसान उपाय स्वस्थ शरीर और शांत मन के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी होता है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, काम का दबाव और निजी परेशानियों के चलते तनाव काफी बढ़ गया है, जिसका सीधा असर हमारी नींद पर पड़ता है। कई बार लोग चिंता के कारण सो नहीं पाते, तो कुछ लोग मोबाइल, रील्स या वेब सीरीज देखने में अपनी नींद से समझौता कर बैठते हैं।

नींद की कमी से न केवल चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता है, बल्कि यह ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नींद पूरी नहीं होना स्ट्रेस लेवल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को और ज्यादा बढ़ा सकता है।

ऐसे में जरूरी है कि आप हर रात अच्छी और गहरी नींद लें। आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं जो आपकी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं आयुर्वेद के 5 बेहतरीन तरीकों के बारे में, जो आपको सुकूनभरी नींद दिलाने में मदद करेंगे।

अभ्यांगा ( तेल से मसाज)

अभ्यंग क्या है और यह नींद में कैसे मदद करता है?

अभ्यंग का अर्थ है आयुर्वेदिक तेल से शरीर की मालिश करना। यह एक शांत और सुकून देने वाली प्रक्रिया होती है, जिसे आप बादाम या तिल के तेल से कर सकते हैं। इस तेल मालिश से न केवल तनाव और एंग्जायटी कम होती है, बल्कि यह नर्वस सिस्टम को भी शांत करती है। सोने से पहले हल्के गर्म तेल से पैरों, गर्दन और कंधों की मालिश करने से गहरी और बेहतर नींद आने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में इसे अच्छी नींद के लिए एक प्रभावी उपाय माना गया है।

गर्म दूध या हर्बल चाय का सेवन करें

बेहतर नींद के लिए आयुर्वेद की ये आदतें बनाएं रूटीन का हिस्सा

आयुर्वेद के अनुसार, अच्छी नींद के लिए रात 10 बजे से पहले सो जाना सबसे उपयुक्त माना जाता है। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना लाभकारी होता है, जिसमें आप जायफल, अश्वगंधा, हल्दी या चमौली जैसे हर्ब्स मिला सकते हैं। ये सभी प्राकृतिक तत्व न केवल पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं, बल्कि नसों को शांत कर मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं।

यदि दूध पसंद न हो, तो आप तुलसी, ब्राह्मी या चमौली की हर्बल चाय का भी सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें, सोने से पहले कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें, क्योंकि ये नींद को प्रभावित कर सकते हैं।

नस्य का करें अभ्यास

बेहतर नींद के लिए आज़माएं आयुर्वेदिक नस्य प्रैक्टिस

नस्य एक पारंपरिक आयुर्वेदिक तकनीक है, जिसमें औषधीय तत्वों को नाक के माध्यम से शरीर में पहुंचाया जाता है। अच्छी नींद के लिए रात को सोने से पहले नाक में शुद्ध घी की कुछ बूंदें डालना बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह न सिर्फ दिमाग को शांत करता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है। यह उपाय खासतौर पर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो ड्राई साइनस, माइग्रेन या सांस लेने की समस्याओं से परेशान रहते हैं।

शिरोधारा या मेडिटेशन है लाभकारी

शिरोधारा से पाएं गहरी नींद और मानसिक शांतिघर पर ऐसे करें ये आयुर्वेदिक तकनीक

शिरोधारा एक पारंपरिक आयुर्वेदिक थैरेपी है, जिसमें गर्म तेल को धीरेधीरे माथे पर डाला जाता है। हालांकि यह प्रक्रिया आमतौर पर आयुर्वेदिक क्लिनिक में की जाती है, लेकिन घर पर इसे आसान तरीके से किया जा सकता है। इसके लिए गर्म तेल की जगह ठंडे पानी में भिगोया गया कपड़ा लेकर उसे कुछ मिनटों के लिए माथे पर रखें।

इसके बाद 5 से 10 मिनट तक गहरी सांस लें और मेडिटेशन करें। यह प्रक्रिया मन को शांत करती है, ओवरथिंकिंग को कम करती है और पित्त व वात दोष को संतुलित करती है। इसका असर आपकी नींद पर भी नजर आता हैजिससे नींद गहरी और सुकून भरी होती है।

डिजिटल डिटॉक्स है जरूरी

बेडटाइम से पहले स्क्रीन से दूरी क्यों है जरूरी? आयुर्वेद से जानिए वजह

आयुर्वेद के अनुसार, सोने के समय का माहौल हमारी नींद की गुणवत्ता पर गहरा असर डालता है। खासकर जब हम देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन पर समय बिताते हैं, तो इससे परेशानी और बढ़ जाती है। इन डिवाइसेज़ से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को बाधित करती है, जो नींद लाने में मदद करता है। इसका परिणाम यह होता है कि नींद देर से आती है या बारबार टूटती है।

आयुर्वेद सलाह देता है कि सोने से कम से कम एक घंटा पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से दूरी बना लेनी चाहिए। इससे न सिर्फ आपको जल्दी नींद आएगी, बल्कि रातभर चैन की नींद भी सुनिश्चित होगी।

Your Comments