कार्बोहाइड्रेट के फायदे : शरीर के सुचारू संचालन के लिए प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के साथ–साथ कार्बोहाइड्रेट (कार्ब्स) भी अत्यंत आवश्यक हैं। यदि इनकी मात्रा शरीर में असंतुलित हो जाए — चाहे बहुत कम या अधिक — तो यह सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कार्ब्स शरीर के लिए क्यों जरूरी हैं और इसकी कमी होने पर कौन–कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं।
कार्बोहाइड्रेट, जिन्हें आम भाषा में कार्ब्स कहा जाता है, एक प्रमुख मैक्रोन्यूट्रिएंट हैं जो हमारे खानपान यानी फूड और ड्रिंक्स में पाए जाते हैं। ये शरीर को वह ऊर्जा (एनर्जी) प्रदान करते हैं, जिसकी हमें रोजमर्रा के काम करने के लिए आवश्यकता होती है। जब हम कार्ब्स खाते हैं, तो ये शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदल जाते हैं, जो हमारी कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों को काम करने की शक्ति देता है।
आजकल लोग अपने आहार को लेकर काफी सजग हो गए हैं और बैलेंस डाइट लेना पसंद करते हैं ताकि सभी जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और पोषक तत्व मिल सकें। लेकिन इसके साथ–साथ कैलोरी और कार्ब्स भी उतने ही अहम होते हैं क्योंकि ये भी शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं। खासतौर पर वजन घटाने (वेट लॉस) के दौरान, जैसे प्रोटीन और विटामिन्स की जरूरत होती है, वैसे ही कार्ब्स को भी संतुलित रूप में लेना जरूरी होता है। फिर भी बहुत कम लोग जानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट कितने जरूरी हैं और इसकी कमी से शरीर में कौन–कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।
कार्बोहाइड्रेट
डॉ. शाहिद, जो अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए एक अत्यंत जरूरी पोषक तत्व है, क्योंकि यह हमें ऊर्जा देने का मुख्य स्रोत होता है। जब हम रोटी, चावल, आलू, फल या चीनी जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो इनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर में जाकर ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं। यह ग्लूकोज हमारे मस्तिष्क और मांसपेशियों को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
यदि शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्ब्स नहीं मिलते, तो व्यक्ति को थकावट, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना और एकाग्रता की कमी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। वहीं दूसरी ओर, अगर आवश्यकता से अधिक मात्रा में खासकर प्रोसेस्ड फूड्स या मीठे पदार्थों के रूप में कार्ब्स का सेवन किया जाए, तो यह शरीर में फैट बनकर जमा हो सकता है, जिससे मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
हर व्यक्ति को अपनी उम्र, वजन, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार कार्ब्स की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। सामान्यत: एक वयस्क को प्रतिदिन ली जाने वाली कुल कैलोरी का 45% से 65% हिस्सा कार्बोहाइड्रेट से मिलना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 2000 कैलोरी ले रहा है, तो उसे करीब 225 से 325 ग्राम तक कार्ब्स की जरूरत होगी। हालांकि, अगर किसी को वजन कम करना है, डायबिटीज या थायराइड जैसी स्वास्थ्य समस्या है, तो कार्ब्स की मात्रा डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह अनुसार ही लेनी चाहिए।
कार्ब्स को संतुलित मात्रा में और फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालों जैसे हेल्दी स्रोतों से लेना सबसे बेहतर होता है। किसी भी तरह की डाइट शुरू करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें, ताकि सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे और शरीर को उसकी जरूरत के अनुसार पोषण मिल सके।