फिश ऑयल कैसे बनता है और इसके सेवन से मिलते हैं कौन–कौन से फायदे? जानिए सब कुछ ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है, जिसकी कमी से स्किन ड्राई होना, बालों का झड़ना, जोड़ों में दर्द, आंखों की कमजोरी, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ओमेगा-3 प्राकृतिक रूप से मछली, नट्स, सीड्स, कुछ फलों और सब्जियों में पाया जाता है, लेकिन मछली को इसका सबसे प्रभावशाली स्रोत माना जाता है।
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हालांकि, कई लोग स्वाद, एलर्जी या वैजिटेरियन होने की वजह से मछली का सेवन नहीं कर पाते। ऐसे में उनके लिए फिश ऑयल एक बेहतरीन विकल्प होता है, जिसे कैप्सूल या सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि फिश ऑयल कैसे बनाया जाता है और इसके सेवन से शरीर को क्या–क्या फायदे मिलते हैं, तो इस लेख में हम आपको इसके हर पहलू की जानकारी देंगे।
कैसे बनता है फिश ऑयल?
फिश ऑयल कैसे तैयार किया जाता है? जानिए स्टेप–बाय–स्टेप प्रोसेस
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि फिश ऑयल हमेशा किसी विश्वसनीय और प्रमाणित ब्रांड से ही खरीदना चाहिए। इसे बनाने के लिए आमतौर पर सैल्मन या सार्डीन जैसी मछलियों का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इनमें प्राकृतिक तेल की मात्रा अधिक होती है।
प्रक्रिया की शुरुआत मछली की आंतें निकालने से होती है, इसके बाद मछली को छोटे–छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। फिर इन टुकड़ों को एक ढंके हुए बर्तन में रखकर लगभग दो हफ्तों तक धूप में छोड़ दिया जाता है। इस दौरान मछली से तेल जैसा लिक्विड निकलता है। उस लिक्विड को छानकर एक जार में इकट्ठा किया जाता है, जहां तेल ऊपर तैरने लगता है। ऊपर जमा हुए तेल को सावधानी से निकालकर एक साफ बोतल में भर लिया जाता है — और इस तरह तैयार होता है शुद्ध फिश ऑयल।
फिश ऑयल से मिलने वालें 5 गजब के फायदे
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, फिश ऑयल में सबसे अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके अलावा यह विटामिन A और D का भी एक शानदार स्रोत है। ओमेगा-3 की पूर्ति के लिए फिश ऑयल को प्लांट–बेस्ड विकल्पों की तुलना में अधिक प्रभावशाली माना जाता है।
आप फिश ऑयल को डाइटरी सप्लीमेंट के रूप में शामिल कर सकते हैं, जो शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है, खासकर हृदय, मस्तिष्क और त्वचा के लिए यह बेहद फायदेमंद है।
1.हार्ट हेल्थ को बनाएं बेहतर
फिश या फिश ऑयल से दिल रहेगा मजबूत – रिसर्च में हुआ खुलासा
अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा काफी कम होता है। फिश या फिश ऑयल का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद माना गया है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है।
2. आंखों के लिए वरदान
आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है फिश ऑयल – ओमेगा-3 का असर
ऐसा माना जाता है कि यदि शरीर को आवश्यक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड नहीं मिलता, तो इससे आंखों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में फिश ऑयल एक उत्कृष्ट विकल्प है, क्योंकि यह ओमेगा-3 का भरपूर स्रोत होता है। इसका नियमित सेवन न केवल आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है, बल्कि ड्राई आई, जलन और अन्य नेत्र संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में भी फायदेमंद साबित होता है।
3.इंफ्लेमेशन को करे कम
सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत देता है फिश ऑयल – जानें इसके औषधीय गुण
फिश ऑयल में प्राकृतिक एंटी–इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। इसका सेवन रूमेटाइड आर्थराइटिस और हार्ट डिजीज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह जोड़ों के दर्द को कम करने और मूवमेंट में आसानी लाने में भी लाभकारी माना जाता है।
4. स्किन और बालों को बनाएं हेल्दी
स्किन और बालों के लिए वरदान है फिश ऑयल – पाएँ नेचुरल ग्लो और मजबूत बाल
फिश ऑयल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड त्वचा को भीतर से हाइड्रेट करता है, जिससे चेहरे पर नेचुरल ग्लो नजर आता है। इसके सेवन से स्किन में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और नए स्किन सेल्स बनने में मदद मिलती है, जो त्वचा को जवां और हेल्दी बनाए रखते हैं। वहीं, फिश ऑयल बालों को गहराई से पोषण देकर उन्हें मजबूत, घना और चमकदार बनाने में भी सहायक होता है।
5. लिवर फैट को करे कम
फिश ऑयल से लिवर और ब्रेन फंक्शन में सुधार – जानें कैसे करता है ये कमाल
फिश ऑयल का नियमित सेवन लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है। यह नॉन–अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) के लक्षणों को कम करने और लिवर में जमा फैट को घटाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के लिए बेहद जरूरी होता है, जो दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने और याददाश्त को तेज करने में सहायक सिद्ध होता है।