शराब और दिमाग : शराब पीना सेहत के लिए कितना खतरनाक है, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि अगर थोड़ी मात्रा में शराब पी जाए तो इससे कोई नुकसान नहीं होता। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो सावधान हो जाइए। हाल ही में हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि कम शराब पीना भी खतरनाक हो सकता है। इसका असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

थोड़ी शराब तो कोई नुकसान नहीं करती” – यह लाइन आपने कई बार सुनी होगी। कुछ लोगों को शराब की लत होती है, जबकि कुछ लोग इसे सिर्फ कभीकभार ही पीते हैं। कई लोगों का मानना है कि शराब पीने से तनाव कम होता है और थोड़े समय के लिए ग़म भूल जाते हैं।

शराब पीना सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी नुकसान पहुँचाता है। रिसर्च में पाया गया है कि चाहे आप थोड़ी मात्रा में ही शराब लें, यह आपके मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकती है। शराब का सेवन डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शराब दिमाग पर कैसे असर डालती है, इससे कैसे बचा जा सकता है, और रिसर्च में इसके बारे में क्या खुलासा हुआ है।

क्या कहती है रिसर्च?

BMJ Evidence-Based Medicine जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पता चला है कि शराब का सेवन दिमाग पर असर डालता है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वरिष्ठ क्लिनिकल रिसर्चर अन्या टोपीवाला का कहना है कि बहुत कम मात्रा में भी शराब पीना डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस रिसर्च में ऑब्ज़र्वेशनल और जीनसंबंधी विश्लेषण को शामिल किया गया था, और लगभग 560,000 लोगों के डेटा का उपयोग किया गया। शोधकर्ताओं ने शराब पीने की आदतों और समय के साथ डिमेंशिया के जोखिम की तुलना करके यह निष्कर्ष प्रस्तुत किया है।

कम शराब पीना भी दिमाग के लिए खतरनाक

इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जो लोग हफ्ते में लगभग 7 ड्रिंक्स लेते हैं, उनमें हफ्ते में 7 से अधिक ड्रिंक्स पीने वालों की तुलना में जोखिम थोड़ा कम होता है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि बिल्कुल शराब न पीने वालों में भी डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, शराब का सेवन जितना अधिक होगा, डिमेंशिया का जोखिम उतना ही बढ़ता जाएगा।

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कितना शराब पीना डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाता है?

बता दें कि, शोधकर्ताओं ने 2.4 मिलियन लोगों में अलगअलग डिमेंशिया स्टडी के जीन डेटा का विश्लेषण किया था. जिसमें सामने आया कि, जिन लोगों में शराब पीने की आदत से जुड़े जीन ज्यादा थे, उनका डिमेंशिया होने का जोखिम भी ज्यादा था. आसान भाषा में कहें तोजो लोग हफ्ते में 3 ड्रिक्स पीते थे उनका डिमेंशिया का खतरा 1 ड्रिंक पीने वाले की तुलना में 15% ज्यादा है. वहीं, जिन लोगों में शराब पर डिपेंड होने वाले जीन हैं उनका डिमेंशिया का खतरा 16% तक है. हालांकि, की ये स्टडी सीधे तौर पर ये साबित नहीं करता है कि शराब पीना डिमेंशिया का कारण है. लेकिन इसका असर डिमाग पर पड़ता है, ये तो तय है.

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