बच्चों के लिए ऐप्स पर बैन : एक सर्वे के नतीजे सामने आए हैं, जिनके मुताबिक ज्यादातर माता–पिता चाहते हैं कि बच्चों के लिए सभी ऐप्स पर पाबंदी लगाई जाए। दरअसल, बच्चे कई बार ऐप डाउनलोड करते समय गलत उम्र दर्ज कर लॉगिन कर लेते हैं।
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डिजिटलाइजेशन ने दुनियाभर में लोगों के काम को आसान बना दिया है, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं। इसी सिलसिले में एक सर्वे में पता चला है कि ज्यादातर माता–पिता चाहते हैं कि बच्चों के लिए सभी ऐप्स को ब्लॉक कर दिया जाए। क्योंकि कई बार बच्चे ऐप डाउनलोड करते समय अपनी उम्र गलत दर्ज करके लॉगिन कर लेते हैं।
बच्चों के लिए ऐप्स पर बैन : सर्वे में बड़ा खुलासा
सर्वे में स्पष्ट किया गया है कि अगर बच्चे ऐप में गलत उम्र डालकर लॉगिन करते हैं, तो उनके अकाउंट्स बंद कर दिए जाएं। किसी भी अकाउंट को बनाने से पहले माता–पिता की अनुमति अनिवार्य होनी चाहिए। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बच्चों की उम्र की पुष्टि करनी होती है और उनके डेटा को प्रोसेस करने से पहले माता–पिता की सहमति लेनी जरूरी है।
माता–पिता है सख्त खिलाफ
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, कुछ माता–पिता का मानना है कि बच्चे साइन अप करते समय गलत उम्र की जानकारी देते हैं, और जांच की कमी के कारण वे आसानी से अकाउंट बना लेते हैं। सर्वे में 88% माता–पिता ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियमों का समर्थन करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म को ऐसे अकाउंट्स की पहचान करनी चाहिए और माता–पिता की अनुमति लेनी चाहिए। अगर सहमति न मिले, तो अकाउंट्स बंद कर दिए जाने चाहिए।जरूर पढ़े ;-
इतने लोग शामिल
21,760 माता–पिता में से सिर्फ 4% ने बिना उम्र सत्यापन के प्लेटफॉर्म का उपयोग जारी रखने का समर्थन किया। वहीं, 22,518 माता–पिता में से 58% ने सुझाव दिया कि इंटरनेट प्लेटफॉर्म को बच्चों की उम्र की पुष्टि करनी चाहिए। यह सर्वे 27 दिसंबर से 23 फरवरी के बीच किया गया, जिसमें देश के 349 जिलों के स्कूल जाने वाले बच्चों के माता–पिता से 44,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं।