मेहता परिवार विवाद : मेहता परिवार ने HDFC बैंक के CEO शशिधर जगदीशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। चलिए आपको इस पूरे विवाद की पूरी कहानी बताते हैं और साथ ही मेहता परिवार की पृष्ठभूमि और उनके ट्रस्ट की जानकारी भी साझा करते हैं।

बीते कुछ दिनों से HDFC बैंक और मेहता परिवार के बीच का विवाद सुर्खियों में बना हुआ है। अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब मुंबई स्थित लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्टजो मेहता परिवार द्वारा संचालित हैने बैंक के CEO पर गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। ट्रस्ट का दावा है कि बैंक ने 25 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले को नजरअंदाज किया और बिना किसी जांच के ट्रस्ट के कई अकाउंट बंद कर दिए।

HDFC बैंक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए CEO शशिधर जगदीशन का बचाव किया है। बैंक का कहना है कि यह जानबूझकर किया गया हमला है और इसे लोन न चुकाने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस विवाद के चलते लीलावती ग्रुप और मेहता परिवार एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। मौजूदा समय में ट्रस्ट की ज़िम्मेदारी प्रशांत मेहता संभाल रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस ट्रस्ट की शुरुआत कैसे हुई, इसके पहले ट्रस्टी कौन थे, और यह संगठन किन कार्यों से जुड़ा हुआ है।

मेहता परिवार विवाद :  मेहता परिवार

लीलावती मेडिकल ट्रस्ट एक प्रतिष्ठित चैरिटेबल ट्रस्ट है, जिसकी स्थापना वर्ष 1978 में स्वर्गीय कीर्तिलाल मेहता द्वारा की गई थी। कीर्तिलाल मेहता मूल रूप से गुजरात के पालनपुर शहर से मुंबई आए थे। शुरुआत में उन्होंने अपने पारिवारिक व्यवसाय को संभाला और इसके बाद हीरा व्यापार में सफलता हासिल की। उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर लीलावती अस्पताल की नींव रखी।

समय के साथ यह ग्रुप लगातार प्रगति करता गया और ऊंचाइयों पर पहुंच गया। कीर्तिलाल और उनकी पत्नी के पांच संतानें थींकिशोर मेहता, विजय मेहता, रेखा सेठ, रश्मि और प्रबोध। रेखा को छोड़कर बाकी चारों ट्रस्ट के ट्रस्टी बने। कीर्तिलाल मेहता के निधन के बाद ट्रस्ट की कमान मुख्य रूप से उनके बेटे किशोर मेहता के हाथों में आई। फिर किशोर मेहता के निधन के पश्चात उनके बेटे प्रशांत मेहता, राजेश मेहता और राजीव मेहता ने ट्रस्ट की ज़िम्मेदारी संभाली, और वर्तमान में यही तीनों लोग ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी हैं।

लीलावती अस्पताल

जो कि लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट द्वारा संचालित है, मुंबई स्थित एक प्रमुख मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। इसकी शुरुआत 1997 में मात्र 10 बेड और 22 डॉक्टरों के साथ हुई थी। आज अस्पताल में 323 बेड, एक विशाल ICU, 12 अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, 300 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर और करीब 1,800 कर्मचारियों की टीम कार्यरत है। देश के कई प्रमुख अमीर और प्रतिष्ठित व्यक्ति यहां उपचार कराने आते हैं।

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