मॉडलिंग से फिल्मों में आए विद्युत जामवाल को पहली बार निशिकांत कामत ने अपनी फिल्म ‘फोर्स’ में ब्रेक दिया। इसके बाद उन्होंने साउथ की कुछ फिल्में भी कीं। सही मायने में विद्युत को फिल्म ‘कमांडो’ पार्ट 1 और 2 से पहचान मिली। इस समय वह अपनी अपकमिंग फिल्म ‘जंगली’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म और करियर से जुड़ी बातचीत विद्युत जामवाल से।
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फिल्म ‘जंगली’ किस तरह की फिल्म है?
फिल्म ‘जंगली’ फैमिली एंटरटेनमेंट है। इसकी कहानी इंसान और जानवरों के बीच दोस्ती की है। फिल्म का सब्जेक्ट एलिफैंट पोचिंग को फोकस करता है। दुनिया भर में शेर, हाथी जैसे जानवरों की हत्या हो रही है, उनके बॉडी पार्ट्स की ट्रेडिंग होती है। यह फिल्म इस सीरियस सब्जेक्ट को सामने लाती है। फिल्म की अधिकांश शूटिंग थाईलैंड के जंगलों में हुई है। चूंकि फिल्म जानवरों पर बेस्ड है, ऐसे में रियल एनिमल और लोकेशन की जरूरत के लिए थाईलैंड में शूटिंग करना जरूरी था।
आप मार्शल आर्ट्स में परफेक्ट हैं। अपने स्टंट्स के लिए जाने जाते हैं, कितने मुश्किल रहे इस फिल्म के स्टंट्स, जो आप हाथी के साथ करते थे?
सभी को लगता है स्टंट्स के लिए सिर्फ शरीर का लचीला होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं है। स्टंट्स करते समय दिल-दिमाग और शरीर सभी को एकसाथ काम करना होता है। इस फिल्म के लिए मेरी मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग काम आई। मुझे इस फिल्म के लिए काफी दिल दहलाने वाले स्टंट्स करने थे, जो मैंने बिना बॉडी डबल किए। अमूमन फिल्म के हीरो को लड़की के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ती है लेकिन इस फिल्म में मैं जानवरों की सुरक्षा के लिए लड़ा हूं।
फिल्म में आपने हाथियों के बीच भागते हुए सीन किए हैं, ऐसा करना जोखिम नहीं लगा?
यह सही है कि थाईलैंड के जंगलों में मुझे अपने साथी दोस्तों यानी हाथियों के साथ दौड़ लगानी थी। मेरा करीबी दोस्त भोला (हाथी) और मुझे किसी संकट के आने पर भागना था। हमारे पीछे बाकी हाथियों को भागना था। मुसीबत तो यह हो गई कि हाथियों की स्पीड कम-ज्यादा होती थी। भोला हाथी के पीछे मैं, मेरे पीछे अन्य हाथी थे। मैं तो बार-बार कैमरे की फ्रेम के बाहर जा रहा था।
इतना बड़ा हाथियों का काफिला एक टेक में भागते हुए लेना मुश्किल था, ऐसे में मैंने डिसीजन लिया कि मैं भागते हाथियों के बीच में से भागूंगा। मुझे रत्तीभर भी अहसास नहीं था कि ऐसा करके मैं अपनी जान जोखिम में डाल रहा हूं। मैंने हाथियों की स्पीड से अपने दौड़ने की स्पीड को मैच किया। बहुत बड़ा चैलेंज रहा इस सीन को करना। भागते हाथियों के बीच में जगह ही नहीं थी, कुछ भी हो सकता था।
आपने फिल्म में शेर, सांप के साथ भी रिस्की शॉट्स दिए हैं?
मेरी बहन कॉकरोच, चूहे से भी बहुत डरती है। मैं उसे खूब चिढ़ाता हूं। फिल्म में मैंने जिंदा सांप हाथों में लिए हैं। टाइगर के साथ भी शूटिंग की, आखिर फिल्म का नाम जंगली जो है।
डायरेक्टर चक रसेल तो हॉलीवुड के डायरेक्टर हैं, क्या यह फिल्म इंग्लिश में बनी है?
चक रसेल प्रोड्यूसर, डायरेक्टर हैं। हॉलीवुड के मेकर की हिंदी डेब्यू है यह फिल्म। उन्होंने हॉलीवुड में हर जॉनर की फिल्मों को डायरेक्ट किया है। यह फिल्म कॉमिक एंटरटेनिंग है। इस फिल्म का मुख्य उद्देश्य है नई पीढ़ी जानवरों को समझे, उससे प्यार करे।
आपने पूरी फिल्म भोला (हाथी) के साथ की है। हाथियों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, इसकी क्या कोई ट्रेनिंग आपको दी गई थी?
हमें ऐसी कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई लेकिन जानकारी मिली कि हाथी के साथ कैसे बर्ताव करें। हमें बताया गया कि जानवरों को भी प्यार देना चाहिए। इंसान की बॉडी लैंग्वेज जानवर खूब समझते हैं। उन्हें बौखलाने के लिए इंसान मजबूर नहीं करना चाहिए।
आपकी अपकमिंग फिल्में कौन-सी हैं?
फिल्म ‘कमांडो- 3’ के बाद, महेश मांजरेकर की फिल्म ‘पॉवर’ आएगी।
Source: dailyhunt.in