Ghosts of India in Hindi

आज हम आपको भारत के विभिन्न राज्यों की लोक कथाओं और किस्सों में मौजूद कुछ आत्माओं और भूतों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन भूतों की कहानी अलग-अलग राज्यों में बहुत ज्यादा प्रसारित है और बड़े बुजुर्ग लोग इन्हें सच मानते हैं और अपने से छोटों को भी इनकी कहानी सुनाते हैं। लेकिन हम इस लेख में बताए जाने वाले किसी भी आत्मा या भूत प्रेत के असली होने का दावा नहीं करते और ये सब भारतीय राज्यों की लोक कथाओं से लिए गए हैं, इसलिए इन्हें केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ें।

Pret Pretni

प्रेत या प्रेतनी भारत के प्रमुख भूतों में से एक हैं, जिन्हें भारत के लगभग सभी राज्यों में माना जाता है। प्रेतों का जिक्र सिर्फ हिन्दू धर्म में ही नहीं, बल्कि चीनी, बौद्ध, और एशियाई संस्कृति में भी मिलता है। किम्दन्तियों के अनुसार, ये ऐसे लोगों की आत्मा होती है जिनकी मरने से पहले कुछ इच्छाएं रह जाती हैं या उनकी मौत किसी दुर्घटना या आत्महत्या से हो जाती है। हिन्दू धर्म के अनुसार, इन आत्माओं का अगर अच्छे से पिण्डदान नहीं किया जाता है, तो इन आत्माओं को मुक्ति नहीं मिल पाती और ये अपनी इच्छाओं को लेकर धरती पर ही भटकती रहती हैं। ये आत्माएं अधिकतर जहाँ इनकी मौत हुई वहीं पर ही भटकती रहती हैं, उसके अलावा ये किसी घर, किले, जंगल, या श्मशान के आसपास मिलते हैं। लोक कथाओं के अनुसार, ये आत्माएं लोगों के शरीर में घुस कर उन्हें परेशान करती हैं और बहुत से लोगों ने इन्हें देखने का दावा भी किया है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि शरीर में तिलक या माला जैसी कुछ भी पवित्र वस्तु होने से या भगवान का नाम लेने से ऐसी आत्माएं आपसे दूर रहती हैं, इसीलिए इनसे बचने का उपाय यही माना जाता है कि रात को किसी भी सुनसान जगह से गुजरते हुए भगवान का स्मरण करते रहें।

Boba

Boba वे आत्माएं हैं जो रात को पीठ के बल सोते हुए व्यक्तियों की छाती पर बैठ जाती हैं। छाती के ऊपर बोबा के भार से उस व्यक्ति की नींद खुल जाती है और उसका दिमाग भी काम कर रहा होता है, लेकिन वह अपने शरीर को चाह कर भी हिला नहीं सकता और कुछ बोल नहीं सकता है। इस घटना का सामना करने वाले लोग कहते हैं कि उन्हें अपनी छाती पर काली परछाई दिखाई देती थी और कुछ लोगों को यहां-तक कि वे किसी बूढ़ी औरत की तरह दिखाई देती थीं, जबकि दूसरों को कुछ दिखाई नहीं देता था, लेकिन छाती पर भार महसूस होता था। इस घटना को विज्ञान ने “स्लीप पैरालिसिस” कहा है।

Dayan

डायन का उल्लेख केवल भारतीय लोककथाओं में ही नहीं होता, बल्कि विदेशों में भी इसे माना जाता है और वहां इसे “विच” कहा जाता है। विश्वास किया जाता है कि डायन ऐसी स्त्रियां होती हैं जो शैतान की पूजा करती हैं और काला जादू का प्रयोग करती हैं। लोककथाओं के अनुसार, डायन अंधेरे में छूट जाती है और सुनसान जंगल में जाकर काला जादू करती है, और किसी भी व्यक्ति के शरीर के किसी भी हिस्से जैसे नाखून या बाल से ही उस व्यक्ति पर काला जादू कर सकती है। डायन अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए किसी बच्चे या अपने ही परिवार के किसी सदस्य को मारकर शैतान को उनकी बलि देती है। विश्वास किया जाता है कि डायन की प्रायः सारी शक्ति उसके बालों में होती है और उसकी बालों की लटे हाथ की तरह कार्य करती हैं। भारत में डायन को इतना विश्वास था कि कई गाँवों में किसी मासूम औरत को काला जादू या डायन होने के आरोप में जिन्दा जला दिया जाता था।

Dund

Dund” भारतीय पौराणिक कथाओं में वर्णित एक ऐसी भूत या आत्मा है जिसकी मौत युद्ध के दौरान हुई होती है। Dund का सिर कटा हुआ होता है, और रात के समय वह अपने घोड़े में सवार होकर सुनसान जंगलों में भटकता है। उसके एक हाथ में तलवार होती है, जबकि दूसरे हाथ में उसका कटा हुआ सिर होता है। रात के समय, जो भी व्यक्ति अकेला उस सुनसान स्थान से गुजरता है, उसे Dund का कटा हुआ सिर उसके नाम से बुलाता है, और यदि वह व्यक्ति उस आवाज को सुनकर उसके पीछे जाता है, तो Dund अपनी तलवार से उस व्यक्ति का गला काट देता है।

Jal Pishach

जल पिशाच” एक प्रकार की आत्मा होती है जिसकी मौत नदी में आत्महत्या करने या पानी में डूबने से होती है। हिन्दू लोककथाओं के अनुसार, अगर किसी का अच्छे से पिंडदान नहीं किया जाता है तो मरने के बाद उस इंसान की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती और वह धरती पर ही भटकती रहती है। जल पिशाच भी ऐसी ही आत्माएं होती हैं और इन्हें नदी, नाला, या किसी तालाब के आसपास पाया जाता है, जहां रात के समय जो भी व्यक्ति अकेले में नदी या तालाब के किनारे जाता है, उसे जल पिशाच भी पानी में डुबोकर मार देता है।

Chudail

चुड़ैल” भारतीय डरावनी लोककथाओं का एक प्रमुख पात्र है। माना जाता है कि वे महिलाएं जो हत्या की जाती हैं, जिनकी मौत गर्भवती होते हुए या प्रसव के दौरान होती हैं, वे मरने के बाद चुड़ैल बन जाती हैं। चुड़ैल की दृष्टि में उसकी आंखें बड़ी होती हैं, नाखून लम्बे होते हैं, सिर को चारों ओर मोड़ने की शक्ति होती है, चेहरा जला हुआ और जीवंत वैसा होता है, दोनों पैर पीछे की ओर मुड़े होते हैं। हालांकि, ये चुड़ैल खुद को सुंदर औरत में बदल सकती हैं, लेकिन फिर भी इनके पैर हमेशा उलटे रहते हैं, जो उन्हें पहचानने के लिए एक आसान तरीका बना देता है। चुड़ैलें सुनसान किलों, जंगलों या सुनसान रास्तों में रहती हैं और बहुत से लोगों ने रात के समय सुनसान रास्तों पर चुड़ैल को देखने का दावा किया है। चुड़ैल को इतना शक्तिशाली माना जाता है कि यह जहाँ भी रहती है, उस पूरे इलाके को नकारात्मक ऊर्जा से भर देती है, इसीलिए यदि कोई कमजोर दिलवाला व्यक्ति रात के समय उस जगह से गाड़ी लेकर गुजरता है, तो वह उस नकारात्मक ऊर्जा को सहन नहीं कर पाता, जिसके कारण उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है और वह मर जाता है। माना जाता है कि चुड़ैल महिलाओं पर हमला नहीं करती, इसलिए पुरुष चुड़ैल से बचने के लिए अपनी गाड़ी में चूड़ी, बिंदी जैसे महिलाओं के आभूषण रखते हैं। लोककथाओं के अनुसार चुड़ैल अच्छी और बुरी दोनों प्रकार की होती हैं।

Betal

बेताल” ऐसी आत्माएं होती हैं जो कब्रिस्तान के आसपास पाई जाती हैं। बेताल अपनी मर्जी के अनुसार कब्र में मौजूद लाशों में घुसकर रहती हैं और कुछ दिनों बाद रहने के लिए नई लाश ढूंढ़ती हैं, माना जाता है कि जब तक बेताल किसी लाश के अंदर रहता है, तब तक वह लाश सड़ना बंद कर देती है। बेताल रात के समय कब्रिस्तान से गुजरने वाले लोगों को अपने होने का एहसास दिलाता है, उन्हें परेशान करता है, उन्हें पागल कर सकता है, और उनकी जान भी ले सकता है, लेकिन यह आसपास के गांव की रक्षा भी करता है। हिन्दू लोककथाओं में बेताल को भगवान शिवजी के अवतार भैरव का रूप माना गया है, इसलिए बेताल को सभी प्रकार के भूत-प्रेतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गोवा और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में बेताल की पूजा भी की जाती है, और वहां “Betal Temple” भी बनाए गए हैं।”

Baak

बाक़” एक राक्षस या भूत है, जिसे बाकी असम की लोककथाओं में माना जाता है, और यह झील या तालाबों के आसपास ही निवास करता है। इसके अनुसार, बाक़ का पसंदीदा आहार मछली है और यह इंसानों से दूरी बनाए रखता है। हालांकि, यदि कोई इंसान इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता था या इसे डराता था, तो बाक़ उसकी जान ले लेता था और उसकी लाश को पानी की गहराई में छुपा देता था। बाक के शिकार अधिकतर मछुआरे लोग बनते थे, और कहा जाता है कि इंसान को मारने के बाद यह उसका रूप ले लेता था और उस व्यक्ति के परिवार के साथ रहने लगता था। बाक़ के पास एक थैली होती है जिसमें माना जाता है कि उसकी सारी शक्ति होती है, और जब भी कोई इंसान उस थैली को उससे छीन लेता है, तो बाक़ पूरी तरह उस व्यक्ति के वश में हो जाता है और किसी जिन की तरह उस व्यक्ति की सारी बातें मानता है।

Chedipe

Chedipe” गोदावरी के आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध लोककथा का पात्र है। “Chedipe” का अर्थ है वेश्या (परित्राणी), यानी कि वेश्याएं मरने के बाद “Chedipe” बनती हैं। माना जाता है कि “Chedipe” रात के समय नग्न रूप में लोगों के घरों में प्रवेश करती है और अपने जादू से घर के सभी सदस्यों को गहरी नींद में सुला देती है, फिर घर के सबसे मजबूत मर्द के पैर को अंगूठे से खून पीती है। अगले दिन उस मर्द को पूरे दिन थका हुआ महसूस होता है, और यदि वह व्यक्ति अपनी चोट का पता लगा लेता है और उसका इलाज कर लेता है, तो “Chedipe” अगली रात उसके घर नहीं आती। हालांकि, कुछ अन्य किंदन्तियों के अनुसार यदि “Chedipe” को उस व्यक्ति का खून पसंद होता है, तो वह रोज रात को तब तक उसका खून पीने आती है जब तक उस व्यक्ति की मौत नहीं हो जाती। माना जाता है कि “Chedipe” खुद को बाघ के रूप में भी बदल सकती है, लेकिन उसका एक पैर इंसान का ही रह जाता है।”

Jokkho / Jokkh

यह एक बंगाली लोककथा में प्रसिद्ध भूत है और इसे लोककथाओं के अनुसार वह आत्मा है जो किसी धन संपत्ति की सुरक्षा करती है। इन भूतों को सकारात्मक स्वभाव का प्रतीत किया जाता है और कहा जाता है कि वे अपने अनुयायियों की रक्षा करते हैं और उनके पास धन की कमी नहीं होने देते हैं, लेकिन जो लालची व्यक्ति Jokkho द्वारा संरक्षित किए गए धन को चुरा लेता है, वह उस व्यक्ति के परिवार के जीवन को बहुत मुश्किल बना देता है या उस व्यक्ति की जान ले लेता है। बंगाल में जोक्खो द्वारा संरक्षित किए जाने वाले धन या संपत्ति को “जोक्खेर धन” कहा जाता है।

Odiyan

ये केरल के लोक कथाओं में माने जाने वाले ऐसे लोग होते है जो काला जादू करते है जिसे Odividya कहा जाता है, ये एक ऐसी खास विद्या होती है जिससे ये खुद को साँप, कुत्ता, बिल्ली या किसी और जानवर में बदल सकते है। इनकी कहानियां केरल में 1950 और 1960 के समय में बहुत ज्यादा प्रचलित थी क्यूंकि उस समय बिजली बहुत कम जगहों में थी और लोग अधेरों में जंगलो से गुजरा करते थे और बहुत से लोग Odiyan को देखने का दावा करते थे। किम्दन्तियों के अनुसार Odiyan को खुद को जानवर में बदलने के लिए खास मिश्रण की जरूरत होती थी जो शिशु के खून से मिलकर बनता था और कहा जाता है Odiyan रात के समय काला जादू करके आसपास के गांव के किसी गर्भवती महिला को वश में करता है जिससे वह महिला खुद ही चल कर उसके पास आती है और वह उसके भ्रूण से बच्चे को निकाल देता है और महिला फिर से अपने घर जाकर सो जाती है और उसे इस घटना के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती। फिर खून से मिश्रण तैयार करने के बाद वह इसे कान के पीछे लगाता है और कुछ मंत्र पढ़ता है और खुद को मनचाहे जानवर में बदल देता है और यह जानवर किसी आम जानवर से अलग होता है क्यूंकि इसकी या तो 3 टांगे या 3 ऑंखें होती है और अंधेरे में इसको देख कर कुछ लोग तो डर से ही मर जाते है जबकि कुछ लोग इस अजीब जानवर को देखने के लिए इसके नजदीक आते है और इसके छूने मात्र से ही उस व्यक्ति की मौत हो जाती है।

Odiyan

केरल के लोककथाओं में, ऐसे व्यक्तियों का जिक्र होता है जो Odividya या काला जादू करते हैं, जिसे Odiyan कहा जाता है। ये एक विशेष प्रकार की विद्या है जिससे वे अपने रूप को साँप, कुत्ता, बिल्ली या किसी और जानवर में बदल सकते हैं। इनकी कहानियां केरल में 1950 और 1960 के दौरान बहुत प्रसार में थीं क्योंकि उस समय बिजली कम जगहों पर उपलब्ध थी और लोग अंधेरों में जंगलों से गुजरते थे, और बहुत से लोग Odiyan को देखने का दावा करते थे। किम्दन्तियों के अनुसार Odiyan को खुद को जानवर में बदलने के लिए विशेष मिश्रण की आवश्यकता थी, जो शिशु के रक्त से मिलकर बनता था और कहा जाता है कि Odiyan रात के समय काला जादू करके आसपास के गाँवों की किसी गर्भवती महिला को अपने वश में करता है, जिससे वह महिला खुद ही चलकर उसके पास आती है और वह उसके गर्भ से बच्चे को निकाल देता है, और महिला फिर से अपने घर जाकर सो जाती है, उसे इस घटना के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती। फिर रक्त से मिश्रित करने के बाद वह इसे कान के पीछे लगाता है, कुछ मंत्र पढ़ता है और खुद को मनचाहे जानवर में बदल देता है, और यह जानवर किसी सामान्य जानवर से अलग होता है क्योंकि इसकी तीन टांगें या तीन आंखें होती हैं और अंधकार में इसे देखकर कुछ लोग डर से ही मर जाते हैं जबकि कुछ लोग इस अजीब जानवर को देखने के लिए इसके नजदीक आते हैं और इसके स्पर्श से ही उस व्यक्ति की मौत हो जाती है।

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Nishir Dak

Nishir Dak एक बंगाली शब्द है, जिसमें “Nishir” का अर्थ होता है रात और “Dak” का अर्थ होता है पुकार। इसका मतलब है कि Nishir Dak वे भूत होते हैं जो रात के समय किसी प्रियजन, परिवार के सदस्य की आवाज निकालकर लोगों को पुकारते हैं। जो व्यक्ति इस आवाज को अपने परिवारवालों की आवाज समझकर इसके पीछे चला जाता है, वह व्यक्ति Nishir Dak के वश में हो जाता है, और Nishir Dak उसे कुछ दूर, सुनसान और अंधेरे स्थान में ले जाकर अपना असली रूप दिखाती है और फिर उसे जान से मार देती है। माना जाता है कि Nishi ज्यादातर अमावस्या के रात को ही आती है और लोगों के घर के दरवाजे के बाहर से परिवार के किसी सदस्य की आवाज निकालकर दरवाजा खोलने के लिए कहती है, और अगर कोई उसके इस छलावे में पढ़कर दरवाजा खोलने जाता है, तो वह व्यक्ति Nishir Dak के वश में हो जाता है। लोककथाओं के अनुसार Nishir Dak सिर्फ 2 बार ही आवाज लगाती है और व्यक्ति अगर 2 बार पुकारने के बाद भी नहीं आता, तो वह किसी दूसरे को शिकार बनाने के लिए चली जाती है, इसलिए कहा जाता है कि रात को अगर कोई आपको दूर से आवाज लगाता है या आपसे मदद मांगता है, तो आपको उसके 2 से ज्यादा बार कहने तक रुकना चाहिए।

 

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