कोलन कैंसर का खतरा : रीफ़्रेज़्ड वर्जन: हेल्दी डाइट आमतौर पर बीमारियों से बचाने में मदद करती है, लेकिन क्या हो अगर वही डाइट, जो हेल्दी मानी जाती है, हमारे शरीर में एक खतरनाक बीमारी की वजह बन जाए? हाल की कुछ स्टडीज में सामने आया है कि कुछ खास तरह की हेल्दी डाइट्स, जैसे हाईप्रोटीन या लोकार्ब डाइट्स, कोलन कैंसर का जोखिम बढ़ा सकती हैं।

Colon Cancer और Diet का कनेक्शन: आज के दौर में हर कोई फिट और एक्टिव रहने की होड़ में है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले डाइट प्लान्स और फिटनेस गाइड्स लोगों को तेजी से वजन घटाने या एनर्जी बढ़ाने के लिए हाईप्रोटीन, लोकार्ब और फैटफ्री डाइट्स अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। शुरुआती तौर पर इनके अच्छे परिणाम दिखते हैंवजन घटता है, शरीर फुर्तीला लगता है। लेकिन जब इन्हें लंबे समय तक बिना पोषण संतुलन के अपनाया जाता है, तो ये डाइट्स गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं, जिनमें कोलन कैंसर भी शामिल है।

चौंकाने वाली बात यह है कि मेडिकल रिपोर्ट्स और कई शोधों में इस बात के संकेत मिले हैं कि कुछ हेल्दी मानी जाने वाली डाइट्स सीधे तौर पर कोलन कैंसर के खतरे से जुड़ी हो सकती हैं।

कौन सी डाइट्स हो सकती हैं रिस्की?

1. हाईप्रोटीन डाइट

वजन कम करने की कोशिश में लोग अक्सर लोकार्ब और हाईप्रोटीन डाइट जैसे कि कीटो या पैलियो डाइट अपनाते हैं। इन डाइट्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है, जबकि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन अधिक किया जाता है। लेकिन शोध बताते हैं कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का अत्यधिक सेवन कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

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2. फाइबर की कमी वाली डाइट

कई बार लोग हेल्दी डाइट प्लान बनाते समय अनजाने में फाइबर का सेवन कम कर देते हैं, जबकि फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और कोलन को साफ करने में अहम भूमिका निभाता है। फाइबर की कमी के कारण कोलन में टॉक्सिन जमा हो सकते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

3. सिर्फ सप्लीमेंट्स पर डिपेंड रहना

अगर आपकी डाइट में प्राकृतिक चीजों की मात्रा कम है और आप सिर्फ मल्टीविटामिन्स या हेल्थ सप्लीमेंट्स पर निर्भर हैं, तो यह भी सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

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कोलन कैंसर के चेतावनी संकेत

  1. बारबार पेट में दर्द या ऐंठन
  2. वजन अचानक कम होना
  3. मल में खून आना
  4. कब्ज या डायरिया जो लंबे समय तक रहे
  5. कमजोरी और थकान

कोलन कैंसर से कैसे बच सकते हैं

  • केवल फैड डाइट्स पर भरोसा न करें. हर मील में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट और कार्ब्स का बैलेंस रखें.
  • हरी सब्जियां, साबुत अनाज, फल और बीन्स से फाइबर पाए जाते हैं, इनका सेवन करें.
  • रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी कोलन हेल्थ में मदद करती है.
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें. ये दोनों ही कोलन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं.
  • अगर फैमिली में किसी को कोलन कैंसर रहा हो या आपकी उम्र 45+ है, तो समयसमय पर कोलन कैंसर की जांच कराना जरूरी है. 
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