नई दिल्ली। वर्तमान में, केंद्र सरकार विशेष रूप से गरीब वर्ग, महिलाएं, और किसानों के लिए संबंधित योजनाओं को लेकर बहुत ध्यान दे रही है। इस समय में विचार की जा रही है कई स्कीमें, जिनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
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सरकार ने लोगों की स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से Ayushman Bharat Yojana को शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत कई बीमारियों का मुफ्त इलाज प्रदान किया जा रहा है। हालांकि, इस योजना से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ी खबर आ रही है।
हाल ही में, सरकार ने एक नई सूची जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब कौन-सी बीमारियाँ शामिल नहीं की जाएंगी। चलिए, इस योजना के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं:-
इस योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी, जिसके अंतर्गत लाभार्थी को “आयुष्मान कार्ड” प्रदान किया जाता है। इस कार्ड के माध्यम से, योजना के लाभार्थी 5 लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं, जो कि योजना सूचीबद्ध अस्पतालों में उपलब्ध है।
योजना का क्या है उद्देश्य
आज के दौर में, स्वास्थ्य बीमा का महत्व अत्यंत बढ़ गया है, और इस योजना के जरिए सरकार ने नागरिकों को स्वास्थ्य के महत्व की अवगति दिलाने का प्रयास किया है।
अब कौन-कौन सी बीमारियां नहीं होगी शामिल?
सरकार ने इस योजना के तहत 196 बीमारियों को प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध ट्रीटमेंट से बाहर कर दिया है। अब मलेरिया, मोतियाबिंद, सर्जिकल डिलीवरी, नसबंदी, और गैंग्रीन जैसी बीमारियां इस योजना के लाभ का हिस्सा नहीं हैं। इस फैसले का असर अब लोगों पर गहरा हो रहा है।
आमतौर पर, लोग इन बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों की बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाना पसंद करते थे, क्योंकि वहां उन्हें अच्छी सुविधाएं मिलती थीं। लेकिन अब सरकार के इस निर्णय के बाद, लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
सरकारी अस्पतालों में जारी रहेगा इलाज
हालांकि सरकार ने इन बीमारियों को निजी अस्पतालों से हटा दिया हो, हालांकि सरकारी अस्पतालों में इन गंभीर बीमारियों का इलाज अब भी जारी है। आयुष्मान कार्ड धारक को सरकारी हॉस्पिटल में जाकर उपचार करवा सकता है।
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योजना की पात्रता
इस योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को सहारा पहुंचाना है। योजना के लाभार्थी का चयन SECC 2011 के आधार पर किया जाता है, और उन्हें इस सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन ऑप्शन भी है, जिससे वे आत्म-जांच कर सकते हैं।