नई दिल्ली: अब देशभर में कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनकी मदद से लोग अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल कर रहे हैं। अगर आप बेरोजगार हैं और आर्थिक सफलता की दिशा में कदम रखना चाहते हैं, तो आपको बिना किसी चिंता के आराम से आने वाले ऑफर्स का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि ये अवसर बार-बार नहीं आते। इस समय, आपके परिवार में कोई शख्स सुकन्या समृद्धि योजना और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) से जुड़ा है, तो यह आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इन योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करें। इसके लिए हमारा लेख आपकी मदद कर सकता है, जिससे आप इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और किसी भी प्रकार की कठिनाई से बच सकते हैं।
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यदि आपने सरकार द्वारा निर्धारित मार्गदर्शिका का पालन नहीं किया, तो आपका योजना खाता बंद हो सकता है, जिसके लिए आपको फिर से शुल्क देना पड़ सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इन निर्देशों को ध्यानपूर्वक पालन करें ताकि आपको किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। हमारा लेख आपको इस विषय में सटीक और सुझावपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है, इसलिए आप से अनुरोध है कि इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
पीपीएफ से जुड़ी जरूरी बातें जानें
पीपीएफ खाताधारकों के लिए जुड़े हुए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस स्कीम के निर्देशों को ध्यान से समझें। इस योजना से जुड़े व्यक्ति को न्यूनतम 500 रुपये का बैलेंस डिपॉजिट करना आवश्यक है। यानी कि प्रति वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये का निवेश करना होगा, और इसे बरकरार रखना होगा; अगर यह मौका गवा होता है, तो पछताना पड़ता है।
अगर पीपीएफ खाते में आप इस न्यूनतम बैलेंस को बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं, तो आपका खाता बंद हो सकता है। पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस को बनाए रखने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 के रूप में तय की गई है। इस तिथि तक खाते में 500 रुपये की राशि जमा नहीं होती है, तो खाता फिर से सक्रिय करवाने के लिए जुर्माना जमा करना होगा। इस जुर्माने की मात्रा 50 रुपये प्रतिवर्ष है। यदि 2 साल तक खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो खाता फिर से सक्रिय करने के लिए 100 रुपये का जुर्माना देना होगा।
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सुकन्या समृद्धि योजना बनी मददगार
देश की शानदार सुकन्या समृद्धि योजना में रखे जाने वाले मिनिमम बैलेंस का आंकड़ा 250 रुपये है। इस योजना को सक्रिय रखने के लिए, आपको वित्तीय वर्ष में 250 रुपये का निवेश करना होगा। अगर आप इस स्कीम में निवेश नहीं करते हैं, तो आपका खाता बंद हो सकता है। खाते को फिर से शुरू करने के लिए, प्रति वर्ष 50 रुपये की पेनल्टी देनी होगी। इस योजना पर सरकार अब 8.2 फीसदी की ब्याज दर का हिसाब लगा रही है।