शुभमन गिल टेस्ट कप्तानी : शुभमन गिल को लेकर टेस्ट कप्तानी की चर्चाएं जोरों पर हैं, लेकिन इसी बीच पूर्व क्रिकेटर के. श्रीकांत ने उन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। श्रीकांत का साफ कहना है कि जब गिल की खुद टेस्ट टीम में जगह पक्की नहीं है, तो उन्हें कप्तान बनाए जाने की बात ही गलत है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या गिल वाकई इतने खराब हैं?
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दरअसल, शुभमन गिल को भविष्य का टेस्ट कप्तान माना जा रहा है, लेकिन 1983 वर्ल्ड कप विजेता और पूर्व चयनकर्ता के. श्रीकांत इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने गिल की कप्तानी पर आपत्ति जताते हुए यहां तक कह दिया कि उनका टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन में स्थान भी निश्चित नहीं है। श्रीकांत के मुताबिक, गिल का टेस्ट करियर अभी भी अस्थिर है और ऐसे में जसप्रीत बुमराह को टीम की कमान सौंपी जानी चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में श्रीकांत ने कहा:‘शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में अभी तक अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं। कप्तानी बुमराह को दी जानी चाहिए और अगर वो उपलब्ध न हों, तो केएल राहुल या ऋषभ पंत अच्छे विकल्प हो सकते हैं।’श्रीकांत की यह टिप्पणी गिल के टेस्ट प्रदर्शन को देखते हुए की गई प्रतीत होती है, क्योंकि अब तक वह इस फॉर्मेट में पूरी तरह से खुद को साबित नहीं कर सके हैं।
शुभमन गिल का टेस्ट करियर
अब तक शुभमन गिल ने 32 टेस्ट मैचों में 35.05 की औसत से कुल 1893 रन बनाए हैं। उनके नाम 5 शतक दर्ज हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन लगातार प्रभावशाली नहीं रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि गिल ने ज्यादातर सफलताएं घरेलू मैदान पर ही हासिल की हैं। उनके पांच में से चार शतक भारत में आए हैं, जबकि एकमात्र विदेशी शतक उन्होंने बांग्लादेश में लगाया है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे विदेशी दौरों पर उनका बल्ला शांत रहा है।
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2023 गिल के लिए टेस्ट करियर का अब तक का सबसे सफल साल रहा, जिसमें उन्होंने 43.30 की औसत से 866 रन बनाए। हालांकि, इससे पहले 2021 और 2022 में उनका औसत 30 से भी नीचे रहा। यह आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि गिल को टेस्ट फॉर्मेट में खुद को पूरी तरह से साबित करना अभी बाकी है – यही कारण है कि के. श्रीकांत जैसे पूर्व खिलाड़ी उनकी कप्तानी की उम्मीदों पर सवाल उठा रहे हैं।
सीनियर खिलाड़ियों का क्या है कसूर?
जसप्रीत बुमराह को फिटनेस संबंधी चिंताओं के कारण कप्तानी से दूर रखा जा रहा है, लेकिन सवाल उठता है कि ऋषभ पंत को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?
पंत न सिर्फ एक सीनियर खिलाड़ी हैं, बल्कि उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी चुनौतीपूर्ण विदेशी सीरीज में खुद को बार–बार साबित भी किया है। वह एक भरोसेमंद विकेटकीपर भी हैं और मौजूदा समय में पूरी तरह फिट हैं, फिर भी उन्हें कप्तानी की रेस में जगह नहीं दी जा रही। यही सवाल केएल राहुल को लेकर भी उठ रहा है, जो अनुभव और नेतृत्व क्षमता दोनों रखते हैं।अब देखना दिलचस्प होगा कि टीम इंडिया की कमान आखिरकार किसे सौंपी जाती है।