iPhone प्रोडक्शन भारत : Apple iPhone की लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्लोबल स्तर पर भी जबरदस्त है। मार्च में डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े कारणों के चलते Apple ने भारत में iPhone निर्माण में इजाफा कर दिया। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? और कौन–सी दो कंपनियां हैं जो iPhone बनाकर हर महीने करोड़ों की कमाई कर रही हैं? आइए जानते हैं इस विस्तार से।
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हालांकि भारत में iPhone निर्माण की रफ्तार थोड़ी धीमी है, लेकिन इसका आधार मजबूत बना हुआ है। दो प्रमुख मार्केट रिसर्च फर्म्स और उद्योग से जुड़े डेटा के मुताबिक, मई महीने में Apple के भारतीय सप्लायर्स ने 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के iPhone बनाए हैं। यह उत्पादन, हालिया महीनों के मुकाबले थोड़ा कम जरूर है, लेकिन फिर भी यह 2024 की औसतन 10,000–11,000 करोड़ रुपये की गति से काफी आगे है।
उद्योग विशेषज्ञों को उम्मीद है कि साल के शेष महीनों में मासिक औसत उत्पादन 15,000 करोड़ रुपये के आसपास बना रहेगा। मई तक Apple के विक्रेता भारत में घरेलू बिक्री और निर्यात के लिए कुल मिलाकर 84,000 करोड़ रुपये के iPhone बना चुके हैं। ET द्वारा विश्लेषित आंकड़ों के अनुसार, यह उत्पादन 2024 की अनुमानित घरेलू मांग के बराबर है।
iPhone प्रोडक्शन भारत : मार्च में बढ़ गया था आईफोन का प्रोडक्शन
मार्च में भारत में iPhone का उत्पादन अपने सर्वोच्च स्तर यानी 19,630 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। यह तेज़ी इसलिए देखी गई क्योंकि कंपनी अमेरिका में रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने से पहले बड़ी मात्रा में iPhone वहां निर्यात करना चाहती थी। उस समय रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया था कि Apple ने iPhone की खेप को लेकर 5 फ्लाइट्स अमेरिका भेजी थीं।
ये दो कंपनियां छाप रही पैसा
भारत में Apple के दोनों प्रमुख सप्लायर—Foxconn और Tata Electronics—ने iPhone उत्पादन में तेजी लाई है। दो मार्केट ट्रैकर फर्मों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की हिस्सेदारी करीब 35% है, जबकि फॉक्सकॉन 65% हिस्से का निर्माण करती है।
ET द्वारा एक्सेस किए गए विश्लेषक डेटा के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में Foxconn और Tata Electronics ने iPhone प्रोडक्शन से कुल मिलाकर 1.38 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया। इसमें Foxconn की हिस्सेदारी लगभग 90,000 करोड़ रुपये रही, जबकि Tata Electronics ने करीब 48,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की PLI योजना के तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को वित्त वर्ष 2023 से 2025 के बीच 2,068 करोड़ रुपये और फॉक्सकॉन को 2,807 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है।